राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव : भुंजिया जनजाति के नर्तक दल दीस वैवाहिक नृत्य के मनमोहक प्रस्तुति

अंजोर
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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव : भुंजिया जनजाति के नर्तक दल दीस वैवाहिक नृत्य के मनमोहक प्रस्तुति

अंजोर.रायपुर। रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान म चल रिहिन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव म भुंजिया जनजाति के नर्तक दल ह वैवाहिक मउका म करे  जाये वाला नृत्य के मनमोहक प्रस्तुति दीस, जेकर देखइया ह आनंद लिस अउ ताली बजाके नर्तक दल के प्रस्तुति ल सहराइन। भुंजिया के नृत्य म उंकर पूरा संस्कृति झलकथे। नृत्य के बखत पुरूष हाथ म तीर-कमान थामें हावयं, जबकि महिला मन पारंपरिक वेशभूषा म हावय। भुंजिया एक अइसे बिसेस पिछड़ी जनजाति समुदाय हावय, जेला छत्तीसगढ़ सरकार ह गोद ले हावय। ए जाति के लोगन छत्तीसगढ़ के गरियाबंद, महासमुंद अउ धमतरी जिला अउ ओड़िशा के कुछ म क्षेत्र म रिथें। येकर रहन-सहन, वेषभूषा या कहन के पूरा संस्कृति ही आन ले बहुत अलगेच हावय।

आदिकाल ले भुंजिया समुदाय के लोगन जंगल अउ पहाड़ म निवास करत आत हावयं। एमन ल जंगल ले ही अपन आजीविका चलाये के खातिर पर्याप्त सब कुछ मिल जाथे, जइसे के लकड़ी, फल, फूल, रस्सी, जड़ी-बूटी, पानी, शुद्ध हवा उक। ए समुदाय के लोगन अपन ही दुनिया म खुश रहना चाहत हावयं, बाहरी दुनिया ले कोनो मतलब नइ रेहे के सेती ये लोगन के प्रकृति ले जादा लगाव रहय हावय। भुंजिया समुदाय के लोगन प्राकृतिक जिनिस ले श्रृंगार करना पसंद करत हावयं, जैसे- महुआ, गुंजन, हर्रा उक के फूल के माला। महिला मन अपन बाल के सजाने के खातिर मयूर पंख या जंगल के फूल के इस्तेमाल करत हावयं। खाना म तको ये समुदाय कंद-मूल, फल-फूल अउ शिकार करके अपन जीवन यापन करत आत हावयं। शादी-विवाह, पहुना के स्वागत उक खुशी के पल म ये नृत्य करे जात हावयं। ए नृत्य म भुंजिया लोगन के साल के पत्ता, तेंदू के पत्ते, महुआ के फूल उक चीज़ लगाए पूरा वेशभूषा अउ श्रृंगार के संग देखे जा सकत हावय। ये अपन हाथ म अपन पूर्वज ले मिले तीर-कमान खातिर रिथें। सामाजिक कार्यक्रम, बिहाव बिहाव उक म तीर चलाये के प्रथा हावय।

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