अंजोर.रायपुर। कल्पना करव, दू कलश म एक महिला अपन संतुलन बनाके लेटे हावय अउ येकर ऊपर एक महिला नृत्य करत हावय। ए महिला के ऊपर एक बोतल हावय। बोतल म एक दीपक हावय जेन जलते हावय। ए नृत्य के संतुलन के महसूस करना ही कठिन हावय फेर ए संतुलन ल निभात शानदार नृत्य प्रदर्शन त्रिपुरा के लोक कलाकार मन ह करिन। होजागीरी नृत्य ल जेन देखिस, संतुलन अउ नृत्य कला के तारीफ करे ले नइ चूकिस।
होजागीरी त्रिपुरा म देवारी मनाये के खास नृत्य हावय। लोगन घर म त दीया जलात हावयं फेर देवारी जइसे बड़े तिहार के आनंद अउ तको बढि़या तरीका ले ले जा सकत हावय येकर खातिर वो होजागीरी करत हावयं। ए नृत्य म लोक कलाकार अपन मुड़ म बोतल रखत हावयं अउ ए म दीया जलाथे। सूपा म तको वो अइसे ही करत हावयं। होजागीरी नृत्य के माध्यम ले हमर लोक संस्कृति के सुंदर झलक मिलथे हावय। एमे स्थानीय उपयोग के जिनिस हावयं अउ कलाकार के शानदार शारीरिक संतुलन हावय जेकर ले वो अपन नृत्य के साधथे। इही नइ उंकर हाथ म दू थाली तको हावय। येकर संग ही वेशभूषा तको बड़ सुंदर हावय जेन त्रिपुरा के खास संस्कृति ल बतात हावय। छत्तीसगढ़ म राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम ले एक मंच म राज्य सरकार देश भर म बिखरे लोक संस्कृति के रंग दिखत हावय।
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