अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह किहिन हावय के मिलेट्स ल बढ़ावा दे के खातिर स्कूल म लइका के खातिर संचालित मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम म मिलेट्स के सामिल करे जाना चाही। येकर ले देशभर के लइका के जिहां भरपूर पोषक तत्व मिलही उहें मिलेट्स के उत्पादन करे वाला किसान मन के खातिर मिलेट्स जिनिस ल बाजार के समस्या नइ रइही अउ किसान मन के फायदा तको होही। मुख्यमंत्री बघेल ह राजधानी रायपुर के सुभाष स्टेडियम म आयोजित तीन दिवसीय ‘छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवल’ के सुरू करत ए विचार रखिस।
मुख्यमंत्री ह ए मउका म किहिन के मिलेट्स के उत्पादन के बढ़ावा दे अउ येमा ले मिलइया पोषक तत्व के बारे म जन जागरूकता के खातिर साल 2023 के अंतर्राष्ट्रीय मिलेट साल घोसित करे गे हावय। छत्तीसगढ़ पहिली ही मिलेट्स के उत्पादन, प्रसंस्करण अउ विपणन के मामला म काफी आगू हावय अउ धीरे धीरे मिलेट्स हब के रूप म उभरत हावय। आज जब मिलेट्स फसल मन के रकबा जब पूरा दुनिया म सिमटत हावय, तब हमर राज्य म येकर रकबा बढ़त हावय। राज्य सरकार ले मिलेट्स उत्पादक किसान मन के मिले प्रोत्साहन ले प्रदेस म मिलेट्स फसल मन के रकबा म लगभग 3 गुना बड़वार होए हावय, पहिली 70 हजार हेक्टेयर रकबा म मिलेट्स के खेती होवत रिहिस, अब ये रकबा बढ़के 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर हो गे हावय।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह किहिन के छत्तीसगढ़ म मिलेट्स म मुख्य रूप ले कोदो, कुटकी अउ रागी के खेती होवत हावय। ओमन किहिन के छत्तीसगढ़ कोदो, कुटकी अउ रागी के समर्थन कीमत घोसित करइया अउ समर्थन कीमत म खरीदी करइया देश के पहिली राज्य हावय। राज्य सरकार डहर ले कोदो अउ कुटकी के तीन हजार रूपिया समर्थन कीमत घोसित करे गिस अउ राजीव गांधी किसान न्याय योजना म मिलेट्स उत्पादक किसान मन के 9 हजार रूपिया प्रति एकड़ के इनपुट सब्सिडी दे के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ म मिलेट्स के उत्पादन बढ़गे। हमर किसान मन के उत्साह बढ़ा अउ पहिली ही साल म 55 हजार कोंटल मिलेट्स ल खरीदिीस। मिलेट्स के डिमांड बढ़े के सेती खुले बाजार म येकर खपत होत हावय, येकर सेती ए साल समर्थन कीमत म 35 हजार क्विंटल के खरीदी ही हो पाईस। कोदो, कुटकी अउ रागी के बाजार कीमत तको बढ़ीस, पहिली 12 ले 15 रूपिया प्रति किलो मिलेट्स के बाजार कीमत होवत रिहिस, आज बढ़के 25 ले 28 रूपिया तक पहुंच चुके हावय।
मुख्यमंत्री ह किहिन के मिलेट्स प्रसंस्करण के मामला म तको छत्तीसगढ़ बहुत आगू निकल गे हावय। मिलेट्स प्रसंस्करण के देश के सबले बड़ा प्लांट छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला के नथिया नवागांव म बनाये गे हावय, जेमा 22 रकम ले के जिनिस तइयार करे जात हावयं। मिलेट्स के उत्पादन, महिला स्व-सहायता समूह अउ वनधन समिति मन के माध्यम ले संग्रहण अउ प्रसंस्करण के जरिए हजारों महिला मन के रोजगार मिले हावय। मिलेट्स के खेती के प्रति किसान मन के आकर्षण बढ़ा, उंकर आय म तको बड़वार होइस।
मुख्यमंत्री ह किहिन के पोषक गुण के सेती आज मिलेट्स के डिमांड देश-विदेश म बढ़ गे हावय। ओमन किहिन के कोदो, कुटकी अउ रागी छत्तीसगढ़ म ये हमेशा ले बोया जात रिहिन हावय। ये फसल ग्रामीण क्षेत्रो म उन जमीन म लगाये जात रिहिस, जिहां सिचाई नइ के बराबर होवत रिहिस। पहिली छत्तीसगढ़ के बड़े किसान तको कोदो के संग्रहित करके रखत रिहिस, काबर के सूखे के समय इही पेट भरे के काम आवे। कोदो के बीजहा 12 साल तक सुरक्षित रिथें। येकर फसल म बीमारी नइ लगत ए सेती एमे पेस्टिसाइड के उपयोग नइ होवत। आज फसल मन म उपयोग करे जाये वाला पेस्टिसाइड तको लाईफ स्टाईल के संग बीपी, शुगर, कैंसर जइसे रोग के सेती हावय। मुख्यमंत्री ह ये तको बताइन के पानी पड़े के बाद कोदो के उपयोग नइ करे जाना चाही, येकर ले फूड पाईजनिंग के खतरा रहय।
मुख्यमंत्री ह किहिन के मिलेट्स बिसेस रूप ले कोदो ल मेहनतकश लोगन के भोजन समझे जात रिहिस, कोदो मिनरल्स अउ पोषक तत्व ले भरपूर हावय, शुगर एमे कम ले कम हावय। आज कोदो अमीर के भोजन बन गे हावय। काबर के डायबिटिज सबले जादा ए वर्ग के लोगन म हावय। ओमन कोदो, कुटकी अउ रागी, लघु वनोपज के खरीदी अउ प्रसंस्करण के बुता म वन विभाग डहर ले करे गे बुता के बढ़ई करिस। मुख्यमंत्री ह किहिन के मिलेट्स के गुण ल देखत होइस एला भोजन के थाली म सामिल करे जाना चाही।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ह किहिन के मिलेट्स के गुण ल देखत ‘सेहत के मोती, कोदो-कुटकी-रागी’ के स्लोगन के संग छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवल के आयोजन राजधानी रायपुर म करे जात हावय। ए कार्निवाल के माध्यम ले हमन ल मिलेट्स के खूबी के बारे म जाये ल मिलही। कोदो, कुटकी अउ रागी सेहत के खातिर बहुत ही फायदेमंद हावय। ओमन किहिन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पहल म 10 जनवरी 2022 के छत्तीसगढ़ मिलेट्स मिशन सुरू करे गिस। राज्य सरकार डहर ले मिलेट्स के प्रोत्साहन दे के अभियान छत्तीसगढ़ म सफल रिहिन, येकर ले मिलेट्स के बाजार म मांग बढ़ गे हावय। ये प्रशंसनीय हावय।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।