भारत के सबले युवा प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. श्री राजीव गांधी के जनम 20 अगस्त 1944 के मुंबई म होए रिहिसे। पिता श्री फिरोज गांधी अउ माता श्रीमती इंदिरा गांधी के संतान राजीव ल राजनीति विरासत म मिलिस। ओमन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अउ भारत के पहिली प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के परंपरा ल आगू बड़ावत विषम परिस्थिति म देश के बागडोर संभालिस। राजीव गांधी के शिक्षा दून स्कूल, कैम्ब्रिज, ट्रिनिटी कॉलेज, इंपीरियल कॉलेज लंदन अउ वेल्हैम बॉयज म होए हाबे। पढ़ाई पूरा करे के बाद ओमन हवाई जहाज उड़ाये के प्रशिक्षण लिस।
1968 म श्री गांधी ह लूसियाना, इटली देस के निवासी एंटोनियो माइनो ल जीवनसाथी बनाइस जेन बिहाव के बाद श्रीमती सोनिया गांधी के नाव ले जाने गिस। उंकर दू संतान होइस प्रियंका अउ राहुल। जानकारी मनके मुताबिक राजीव गांधी राजनीति म नइ आना चाहत रिहिसे। फेर भाई संजय गांधी के हवाई जहाज दुर्घटना म मउत के बाद माता के सहयोग खातिर सन् 1982 म राजनीति म आइस अउ अमेठी ले लोकसभा के चुनाव जीतके सांसद बनिस।
31 अक्टूबर 1984 के प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी जी के हत्या के बाद उंकर ऊपर बड़का जिम्मेदारी आगे अउ 2 दिसंबर 1989 तक भारत के नौवा प्रधानमंत्री के रूप म ओमन सूचना क्रांति, विज्ञान अउ शिक्षा बर जबर बुता करिन। महिला आरक्षण अउ पंचायती राज के विस्तार के संग आधुनिक भारत के नेव धरइया राजीव गांधी के चुनाव प्रचार करत बखत 21 मई 1991 के रतिहा, 46 बछर के उमर म तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर म एक आतंकवादी संगठन ह मानव बम ले उंकर हत्या कर दीस। मरणोपंरात श्री राजीव गांधी ल भारत सरकार कोति ले 1991 म भारतरत्न अउ इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करे गिस।
देश ह राजीव गांधी के जबर योगदान ल सुरता करत उंकर नाव ले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार आने-आने विधा के खिलाड़ी मन ल देथे। राजीव गांधी खेल रत्न भारत के सबले बड़का खेल पुरस्कार आए जेला हरेक बछर खेल अउ युवा मंत्रालय कोति ले दिये जाथे। अइसने राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार तको 20 अगस्त के उंकर जन्मदिन के मउका म सांप्रदायिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता अउ शांति खातिर जबर बुता करइया मनला प्रदान किये जाथे। येकर अलावा केउ ठी राजकीय सम्मान अउ जन कल्याणकारी योजना श्री राजीव गांधी के नाव ल अम्मर राखे हाबे। अइसने मानुख मनके दुनिया म आए अउ जाए के बखत ल ही लोगन मन बड़ सरधा ले सोरियावत सादर सुरतांजलि देथे।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।