रायपुर.02। छत्तीसगढ़ म न सिरिफ प्रभु राम के माता कौशल्या के जनम होए हाबे बलकि इहां रामायण के माध्यम ले रामकथा ल दुनिया म बगरइया महर्षि बाल्मिकी तको ही म आश्रम बनाके साधना करिस। प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल के सरकार ह कौशल्या के जन्म-स्थल चंदखुरी सहिक तुरतुरिया के बाल्मिकी आश्रम ल तको पर्यटन-तीर्थ के रूप म विकसित करे के रूप-रेखा तैयार कराये हावय। अइसने रामकथा ले जुरे एक अऊ महत्वपूर्ण स्थल शिवरीनारायण के विकास खातिर कार्ययोजना बने हावय। शिवरीनारायण उही ठउर आए जिहं माता शबरी ह प्रभु राम ल जूठा बोइर खवाये रिहिसे।
बलौदाबाजार जिला के तुरतुरिया म बाल्मिकी आश्रम अउ ओकर आसपास के सौंदर्यीकरण करे जाही। प्राकृतिक रूप ले गजब सुघ्घर, पहाड़ी ले घेराये। बारनवापारा अभयारण्य ले तको लगे हावय। इहां के बालमदेही नदी अउ नारायणपुर के तिर बोहइया महानदी म वाटर फ्रंट डेवलपमेंट के बुता कराये जाही। भगवान राम ह अपन वनवासकाल म कुछ समय तुरतुरिया के जंगल म तको बिताए रिहिस। अइसन माने जाथे के लव-कुश के जन्म इही आश्रम म होइ रिहिसे।
जांजगीर-चांपा जिला म महानदी, जोंक अउ शिवनाथ नदी के संगम म धार्मिक अउ सांस्कृतिक महत्व के ठउर रामकथा जुरे के संगे-संग भगवान जगन्नाथ ले तको जुरे हावय। मान्यता के अनुसार ये शहर चारों युग म रेहे हावय, अउ अलग-अलग नाम ले जाने गे हावय। इहं ले भगवान जगन्नाथ के विग्रह ओडिशा के पुरी के मंदिर म ले जाकर स्थापित करे गिस। ये स्थान ल गुप्त-तीर्थ अउ छत्तीसगढ़ के जगन्नाथ-पुरी के नाम ले भी जाने जाथे।
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बाल्मिकी आश्रम |
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शिवरीनारायण |
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तुरतुरिया |
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