आदिवासी सांस्कृतिक विरासत ल नया आयाम दे खातिर हमन अनेक कदम उठायेन। छत्तीसगढ़ म विश्व आदिवासी दिवस म सामान्य अवकाश घोषित हाबे। प्रदेश म पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव के आयोजन राजधानी रायपुर म होइस। जेकर ले आदिवासी प्राचीन संस्कृति अउ कला ल विश्वपटल म नवा चिनहारी मिलिस।
विश्व आदिवासी दिवस के मउका म देश अउ प्रदेश के आदिवासी समाज अउ सबो नागरिक मनला हार्दिक शुभकामनाएं देवत प्रदेश के राज्यवपाल सुश्री अनुसुईया उइके ह अपन बधाई संदेश म किहिन के छत्तीसगढ़ देश के ओ प्रदेश म शामिल हावय, जिहा करीब 32 प्रतिशत आदिवासी निवासरत हावय, जिकर संस्कृति अउ परम्परा अनूठा हावय। आदिवासी समाज ह नदिया, नरवा, तरिया, झरना, पहाड़, शिखर गुफा, कंदरा, लता, वृक्ष अउ पशु-पक्षी म तको देवशक्ति अवतरित करके उंकर प्रति आदर भाव प्रदर्शित करे हावय। अइसन भाव के सेती ही आदिवासी समाज सहज रूप ले समृद्ध होए हाबे।
हमर आदिवासी समाज के लोगन मन सदा प्राचीन समय ले संस्कृति-परंपरा अउ प्रकृति के संरक्षक रहे हावय। इतिहास गवाह हाबे के बखत परे म देश के रक्षा खातिर आक्रमणकारी मनके खिलाफ लड़े अउ अउ बलिदान दे हाबे। ये समाज म बिरसा मुण्डा, वीर नारायण सिंह, गुंडाधुर, रानी दुर्गावती, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, बादल भोई, टंटया भील जइसन महान लोगन मन अवतरित होइन, जेन देश के रक्षा खातिर प्राण गवाइस। मै उनला नमन करत फेर सबो जनता ल विश्व आदिवासी दिवस के शुभकामना देवत हवं।
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