अंजोर.रायपुर,07। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ह केहे हावय के लेमरू एलिफेंट रिजर्व ले कोनो गांव के विस्थापन नइ होवे। विस्थापन के बात ल नाकारत ओमन बातइन के कोई गांव विस्थापित नी होवे न ही कोनो के निजी अउ सामूहिक वनाधिकार म कोनो प्रभाव पड़े। एलिफेंट रिजर्व ले मानव- हाथी संघर्ष के आशंका ल ओमन निराधार बतावत किहिन के येकर विपरीत हाथी रिजर्व मानव-हाथी संघर्ष ल नियंत्रित करे म मदद करहीफ श्री अकबर ह जोर देके किहिन के भूपेश बघेल के नेतृत्व म सरकार आदिवासी मअउ अउ वनवासी मनके सबो अधिकार अउ हित के रक्षा खातिर कटिबद्ध हावय अउ कोनो भी बुता उंकर हित के खिलाफ नइ करे जावय।
2011 म तमोरा पिंगला अउ सेमरसोत दोनो सरगुजा सर्कल अउ बादलखोल रायगढ़ सर्कल म एलीफेंट रिजर्व के गठन करे गे रिहिसे अउ दस साल म उहां मानव हाथी संघर्ष म प्रभावी नियंत्रण म सहायता मिले हावय। ओ क्षेत्र अभ्यारण हावय जबकि लेमरू के गठन संरक्षण रिजर्व के रूप म करे जावत हावय। वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के धारा 36 (ए) के तहत जेन संरक्षण रिजर्व गठित करे जाथे, उहां कोनो विस्थापन नी होवय अउ निजी भूमि म ये धारा लागू नइ होवय। शासकीय भूमि म तको सबो प्रकार के वन अधिकार, लघुवनोपज संग्रहण आदि बरकरार हावय। श्री अकबर ह आगू किहिन के रिजर्व क्षेत्र म भविष्य म कोनो खनन परियोजना उक खातिर विस्थापन नइ होवे। लेमरू एलीफेंट के खिलाफ कुछ लोगन मन गलत खबर बगरावत हाबे, अइसन लबारी ले लोगन मनला बचना चाहि।
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