बस्तर के दुर्गम क्षेत्र तक पहुंच हावय विकास के किरण, सड़क अउ अधोसंरचना संग चिकित्सा, शिक्षा, पेयजल समेत सबो मूलभूत सुविधा

अंजोर
0

  • वनोपज अउ कृषि ले आय म बढ़ोतरी होए ले जीवनस्तर ऊंचा उठत 
  • बिचौलियां मनके शोषण खतम, समर्थन कीमत म बिके लगे हावय उपज
  • प्रशासन अउ गांव वाला के बीच संवाद के प्रक्रिया मजबूत होइस
  • सुरक्षा-बल ह नक्सली मनला पाछु धकेल के बस्तर म बहाल करिन लोकतंत्र

अंजोर.रायपुर, 25 मई 2021। बस्तर म नक्सलवाद म अंकुश लगाये के खातिर सुरक्षा-बल डहर ले प्रभावित क्षेत्र म कैंप स्थापित करे जाये के जेन रणनीति अपनई गे हावय, ओमा अब नक्सलवादी मन अब एक छोटे दायरे म समेट के रखे दे हावय। एमे ले ज्यादातर कैंप अइसे दुर्गम इलाका म स्थापित करे गे हावयं, जिहां नक्सलवादी मनके खौफ के सेती विकास नइ पहुंच पात रिहिस। अब ये क्षेत्र म भी सड़क के निर्माण तेजी ले होत हावय, यातायात सुगम होत हावय, शासन के योजना प्रभावी तरीका ले गांव वाला तक पहुंचत हावयं, अंदरुनी इलाका ह अब बदल हावय।

मिले आरो के मुताबिक बस्त  के दुर्गम क्षेत्र के समस्या के सूचना जादा लघियात गति ले प्रशासन तक पहुंचत हावयं, जेकर सेती उंकर समाधान भी तेजी ले करे जात हावय। गांव म चिकित्सा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जइसे मूलभूत सुविधा के विकास तेजी ले होत हावय। कुपोषण, मलेरिया अउ मौसमी बीमारी के खिलाफ अभियान ल मजबूती मिलत हावय, जेकर ले सैकड़ों गांव वाला के स्वास्थ्य के रक्षा करे जा सकत हावय। ये बीमारी के सेती ले सैकड़ों लोगन ल अपन जान गंवाये ल परे हावयं, एमे महिला मन अउ लइका के संख्या सबले जादा रेहे हावय।

बस्तर म लोकतांत्रिक प्रणाली ल उत्तरोत्तर मजबूती मिले ले बौखलाए नक्सली ये कैंप के विरोध करत हावयं। वो कभी ये कैंप म घात लगाके हमले करत हावयं, त कभू गांव वाला के बीच गलतफहमी बना के ओला सुरक्षा-बल के खिलाफ बरगलात हावयं। बस्तर के सबले बड़ा समस्या गांव वाला अउ प्रशासन के बीच संवाद के कमी रहे हावय। कैंप के स्थापना ले संवाद के केऊ नवा रद्दा खुलत हावयं, जेकर ले विकास के प्रक्रिया म अब ग्रामीणजन भी भागीदार बनत हावयं।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !