अंजोर.रायपुर, 18 जून 2021। पहिली मैं बहुत दुखी रहत रेहेवं। खाये-पीये तक के खातिर मां-बाप म ही आश्रित रेहेवं। फेर अब खुद कमात-खात हावं, अउ दूसरों ल भी खिला-पिला सकत हावं। मैं आज 35 अउ महिला मन ल अपन संग जोड़के रोजगार दे हावय। कोरबा जिला के दिव्यांग महिला ललिता राठिया ह आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ल अपन जीवन संघर्ष अउ सफलता के कहानी सुनाईस। वो जनपद पंचायत कोरबा ले करीब 65 किलोमीटर दूरिहा गांव चिर्रा के निवासी हावयं। गवई क्षेत्र म ललिता राठिया महिला सशक्तिकरण के अनुकरणीय उदाहरण के रूप म आगू आये हावयं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह ललिता ल उंकर सफलता म प्रसन्नता व्यक्त करत बधाई दीस। मुख्यमंत्री ह किहिन के दिव्यांग होए के बाद भी महिला मन के आर्थिक विकास के रसता म चले के खातिर रद्दा दिखात हावयं, ये निश्चित ही जिहां चाह उहां रसता के बात ल सिद्ध करत हावय। श्री बघेल ह ललिता के तारीफ करत किहिन के शासन के लाभकारी योजना मन के जानकारी ललिता ल हावय, मोला बताये के जरूरत नइये। शासन के योजनाएं गरीब, किसान अउ सबो लोगन के खातिर निश्चित ही लाभदायक हावय।
जिला के विकास बुता के वर्चुअल लोकार्पण अउ भूमिपूजन कार्यक्रम म मुख्यमंत्री ले गोठबात करत ललिता ह बताइन रिहिस के उंकर दुनों पांव खराब हावयं। अपन जीवन ल लेके वो निराश रिहिसं। फेर राज्य शासन के नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी योजना ले जुड़के जीवन के दिशा ही बदल गे। ललिता ह मुख्यमंत्री श्री बघेल ल बताइन के शासन के महत्वकांक्षी नरवा-गरवा-घुरूवा-बाड़ी योजना अउ गोधन न्याय योजना ले जुड़के गांव के 35 महिला मन ह पांच लाख 28 हजार 900 रूपिया के आय अर्जित करे हावय। दिव्यांग होए के बावजूद अपन गांव चिर्रा के गउठान म सक्रिय सदस्य के रूप म काम करके लोगन ल आगू आर्थिक मिसाल पेश करे हावय।
ललिता ह बताइन के गांव के विधवा परित्यकता अउ आन महिला मन ले मिलाके 35 महिला मन के समूह बनाइन। समूह के महिला मन गउठान म मछली पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन, धान के खेती, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन जइसे आर्थिक गतिविधी म काम करत हावय। गांव म ही काम मिल जाये ले गांव के महिला मन आर्थिक रूप ले मजबूत होत हावयं, जेकर ले उंकर घर के आर्थिक स्थिति सुधरत हावय। आर्थिक मजबूती मिले ले गांव के महिला मन अपन घर-परिवार अउ लइका के भरण-पोषण अउ पढ़ाई-लिखाई अच्छा ले करके पात हावय। ललिता ह बताइन के समूह के महिला मन मिलके 800 क्विंटल गोबर खातु के खरीदी करके चुके हावय अउ 400 क्विंटल केंचुआ खातु भी बना चुके हावयं।
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