का सिरतोन म होही छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, सरगुजिहा भाखा म पढ़ाई !

अंजोर
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अंजोर.रायपुर, 24 जून 2021। छत्तीसगढ़ राज बने के बाद ले ही सरलग महातारी भाखा म पढ़ई-लिखई के बात उठते रेहे हावय। फेर सरकार के संग सबो बड़का अधिकारी मन सुरूच ले कोनो न कोनो नियम के अटघा लगाके इहां छत्तीसगढ़ी म पढ़ई-लिखई नी होवन देत हावय। अब आरो मिलत हावय के नान्हे़ लइका मनला महतारी भाखा म पढ़ाये के खातिर पुस्तम तको तइयार कर ले हावय। 

कक्षा पहिली, दूसरी के पुस्तक म दूभासी पाठ्यक्रम बनाये गे हावय। जेमा लइका मन हिन्दी के छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, सरगुजिहा, बघेली, बैगानी भाखा म पढ़ही-लिखही। महतारी भाखा म पढ़ई के हिसाब म तो बने फइसला हावय, फेर हिन्दी के संग हावय माने सरकार के मंशा बने जोर के नइ दिखत हावय।

पहिली अउ दूसरी के एक पुस्तक भर म हावय के सबो विषय के पुस्तक ल अइसने बनाये गे हाबे, ये बात फरी फरकत होए के बादे केहे जा सकही के सरकार सिरतोन म महतारी भाखा म पढ़ना चाहत हावय या हिन्दी संग सामिल करके यहू उंकर भूलवारे के उदीम।

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सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

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