अंजोर.रायपुर, 14 जून 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश म गरियाबंद जिला के जनपद पंचायत छुरा के गांव छिदौली कमारपारा म रहइया 11 साल के दिव्यांग छात्रा कुमारी गीता ल समाज कल्याण विभाग डहर ले एक सप्ताह म कृत्रिम पैर बनाके देदे गे हावय। नोनी गीता आज अपन पांव ले चलके महिला अउ बाल विकास अउ समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ले मिलके उंकर राजधानी के निवास पहुंचिस अउ तुरते मदद के खातिर मुख्यमंत्री अउ राज्य सरकार के आभार जताइस।
कक्षा 6वीं म पढ़त गीता अपन पाव म चलके बहुत खुश रिहिसं। समाज कल्याण विभाग के माना के पीआरआरसी सेंटर (फिजिकल रिफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर) ह 10 दिन म गीता के पैर बनाके दे के बात कहे रिहिस फेर 7 दिन म ही गीता ल कृत्रिम पैर तइयार करके ओला चलना भी सिखा दे हावय। अब नोनी गीता सामान्य लइका कस अपन काम आसानी ले कर सकही।
जानबा होवय के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह जानकारी मिलते ही 7 जून के गीता ले वर्चुअल रूप ले गोठबात करके ओला स्कूल अवइ-जवइ खातिर मोटराईज्ड ट्रायसायकल दे रिहिस अउ हर संभव मदद के भरोसा दे रिहिस। मुख्यमंत्री के निर्देश म फिजिकल रिफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर माना कैम्प रायपुर म पदस्थ विशेषज्ञ के दल ह कुमारी गीता के घर जाके उंकर पांव के नाप लिस अउ उंकर खातिर डेढ़ लाख रूपिया के लागत ले कृत्रिम पंजा तइयार करिस।
श्रीमती भेंड़िया ह नोनी गीता ले मिलके ओकर हाल-चाल जानिस अउ ओकर उज्जवल भविष्य के खातिर शुभकामना दीस। श्रीमती भेंड़िया के पूछे म कुमारी गीता ह बताइन के वो ह आगू चलके शिक्षिका बनना चाहत हावय। श्रीमती भेंड़िया ह ओकर हौसला बढ़ात किहिन के हिम्मत ले आगू बढ़, लक्ष्य ल पूरा करे म शारीरिक कमी कभू रूकावट नइ बने। ओमन गरियाबंद म शुरू होए आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल म पढ़े के खातिर गीता ल प्रेरित करत किहिन के शिक्षा पाके खूब आगू बढ़ो अउ अपन पूरा गांव अउ समाज ल भी शिक्षित बनाओ। ओमन गीता के कोनो भी रकम ले के दिक्कत होए म बताये ल किहिन हावय, जेर ओला तुरते मदद पहुंचाई जा सके। ए मउका म समाज कल्याण विभाग के संचालक श्री पी.दयानंद अउ विभागीय अधिकारी मौजूद रिहिस।
गीता के संग पहुंचे उंकर पिता देवीराम गोंड अउ भाई टेसराम ह भी मुख्यमंत्री सहित राज्य सरकार के उंकर संवेदनशीलता अउ तुरते मदद के खातिर धन्यवाद दीस। गीता के पिता श्री देवीराम ह बताइन के जब गीता एक महीना के रिहिस तब घर म चिमनी के गिर जाये ले लगे आग ले ओकर पैर जल गे रिहिस। इलाज करवाने के बाद भी पैर ठीक नइ हो पाइस। बड़े होए म गीता ह हिम्मत नइ हारिस अउ पैर के पंजा नइ होए म पानी के गिलास ल ही अपन पंजा बना लिस। ओमन अपन हौसला के बल म सामान्य लइका मन कस दैनिक जीवन के बुता के संग-संग पढ़ाई जारी रखीस। ओमन किहिन के अब अपन बेटी के पाव म चलत देखके बहुत खुश हावयं अउ गीता के भविष्य ल लेके उंकर चिन्ता दूरिहा हो गे हावय।
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