अंजोर.जगदलपुर, 14 जून 2021। महारानी अस्पताल म सीटी स्कैन मशीन के सुविधा क्षेत्र के गरीब मरीज मन के खातिर वरदान साबित होत हावय। उन्नत तकनीकी के ए मशीन ले कई रकम के बीमारी के पहचान होत हावय।आमतौर म सीटी स्कैन मशीन के सुविधा मेडिकल कॉलेज म उपलब्ध कराये जात हावय, फेर ये सुविधा महारानी अस्पताल म भी उपलब्ध हावय, जेन एक जिला अस्पताल हावय। सीटी स्कैन जांच काफी खर्चीली जांच हावय। निजी संस्थान म येकर जांच ढाई ले तीन हजार रूपिया ले शुरू होत हावय अउ आने-आने रोग के जांच के खातिर पांच ले आठ हजार रूपिया तक शुल्क हावयं।
सीटी स्कैन ले शरीर के चोट के अलावा आने-आने अंदरूनी अंग के बीमारी के पहचान भी आसानी ले होत हावय। शासन डहर ले सीटी स्कैन के महत्व ल देखत महारानी अस्पताल म जांच के सुविधा सुरू करे के फइसला लिस अउ येकर खातिर कलेक्टर रजत बंसल ह भी पर्याप्त रुचि दिखावत येकर लघियात सुरू करे के बेवस्था करिस।कोरोना संक्रमण के बखत भी सीटी स्कैन जांच के मांग बढ़ गे रिहिस अउ वो दौर म निजी संस्थान म पांच-पांच हजार रूपिया जांच शुल्क रिहिस, वो बखत महारानी अस्पताल म निःशुल्कच सीटी स्कैन के जांच सुविधा ह लोगन ल काफी राहत दीस। रेडियोलाजिस्ट डा. मनीष मेश्राम ह बताइन के महारानी अस्पताल म हर महीना 250-300 सीटी स्कैन करे जात हावयं।
ओमन ये भी बताइन के महारानी अस्पताल म कैंसर के टुकड़ा जांच के सुविधा भी उपलब्ध हावय अउ अंबेडकर अस्पताल के संग महारानी अस्पताल अइसे प्रदेश के दूसर सरकारी संस्थान हावय, जिहां ये सुविधा उपलब्ध हावय। ओमन बताइन के इहां कैंसर डॉक्टर डा. भंवर शर्मा ल अउ ओमन मेकाहारा ले ए जांच के विशेष प्रशिक्षण मिले हावय। येकर ले कैंसर के पहचान लघियात होत हावय, जेकर सेती लघियात उपचार सुरू करे ले मरीज मन के उपचार भी आसान हो जात हावय। ओमन बताइन के सीटी गाईडेड बायोप्सी अंको लाएक अति विशिष्ट प्रक्रिया होथे जेन केवल प्रशिक्षित विशेषज्ञ डहर ले करे जा सकत हावय। ये प्रक्रिया कैंसर जइसे बीमारी जानलेवा बीमारी के पता लगाये बर बहुत ही कारगर साबित होथे। जेकर ले के मरीज मन के यथाशीघ्र उचित इलाज शुरू करे जा सकथे।
ए प्रक्रिया म शरीर के अंदरूनी भाग ले बीमारी के अंश निकालके उंकर जांच करके ओमा उपस्थित कारण के पता लगाये जा सकत हावय ये जांच सीटी गाइडेड के तरीका ले करे म मात्र एक सुई अउ सीटी स्टैंड के आधुनिक प्रणाली के इस्तेमाल करके उही दिन मरीज के अस्पताल ले छुट्टी दे जा सकत हावय सामान्य तरीका ले ये जांच करे म मरीज ल कई दिन तक अस्पताल म रहना पड़त हावय अउ बड़े ऑपरेशन जइसे प्रक्रिया ले गुजर नी होथे। सीटी गाइडेड बायोप्सी म मरीज मन के समय के संग धन के भी बचत होत हावय।
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