प्रवास के बखत टीम ह सप्तर्षि हर्बल वाटिका म जय मां भवानी स्वसहायता समूह डहर ले करे जात लेमनग्रास के खेती, तेल आसवन अउ समूह डहर ले 10 एकड़ बंजर भूमि के उपयोग करत वोमा लेमनग्रास, एलोवेरा सहित गैंदा जइसे सुगंधित फूल के खेती के अध्ययन करिन। समूह के महिला मन ह अधिकारी मन के दल ल बंजर भूमि ल उपयोगी बनाये ले लेके भूमि समतलीकरण, क्यारी निर्माण, पौधरोपण, उंकर सिंचाई, पौधा मन के बड़वार के खातिर गोबर अउ आन जैविक खातु के उपयोग सहित जिनिस के बाजार म बेचे ले संबंधित पूरा प्रक्रिया के बारे म जानकारी दीस।
संग ही शारदा स्वसहायता समूह ले संचालित ‘दीदी की रसोई‘ म बनाये जाये वाला छत्तीसगढ़ी व्यंजन के बारे जानकर महिला मन के आजीविका अउ उंकर आय संवर्धन के खातिर करे जात नवाचार मनके बारे म दल ह विस्तारपूर्वक जानिस। येकर बाद अध्ययन भ्रमण दल के अधिकारी मन ह धमतरी विकासखण्ड के गउठान गांव कसावाही म गोबरधन परियोजना ले 10 घनमीटर के गोबर गैस संयंत्र अउ ओकर ले उत्पादित गैस के ईंधन म उपयोग करे वाला 5 परिवार के महिला मन ले गोठबात करिस। राजस्थान ले आए अधिकारी मन के भ्रमण दल म श्रीमती मंजू राजपाल, सर्वश्री विश्वमोहन शर्मा, डॉ अंजलि राजोरिया, इंद्रजीत यादव, पूजा कुमारी पार्थ, जसमीत सिंह संधू, श्रीनिधि बी.टी., सुश्री श्वेता चौहान, गौरव सैनी, डॉ. सौम्या झा, पराग चौधरी, विजय कुमार झा सहित कनिष्ठ अधिकारीगण शामिल रिहिस।
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