अंजोर.रायपुर, 02 अगस्त। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ले राजभवन म सर्व आदिवासी अधिकार वंचित संघर्ष समिति रायपुर के संयोजक फणीन्द्र भोई के नेतृत्व म प्रतिनिधिमण्डल ह मुलाकात करिस। प्रतिनिधिमण्डल ह बताइन के छत्तीसगढ़ राज्य के 12 जाति समुदाय के मात्रात्मक त्रुटि के सेती राज्य के अनुसूचित जनजाति के सूची म शामिल नइ करिन जात, इहां के आदिवासी समुदाय ल संवैधानिक अधिकार मिल नइ पात हावयं। ए संबंध म छत्तीसगढ़ शासन डहर ले पठोय प्रस्ताव जेन के भारत सरकार, जनजातीय बुता मंत्रालय स्तर म लंबित हावय। ओमन राज्यपाल ले उंकर निराकरण बर प्रयास करे के गेलौली करिन। राज्यपाल सुश्री उइके ह प्रतिनिधिमण्डल ल ए संबंध म मदद के आश्वासन दिस।
जानबा होवय के छत्तीसगढ़ राज्य के भारिया भूमिया के संग समानार्थी भूईंयां, भूईयां, भूयां, धनवार के समानार्थी धनुवार/धनुवार, नगेसिया, नागासिया के संग समानार्थी किसान, धांगड़, सावर, सवरा के पर्याय सौंरा, संवरा, बिंझिया, कोडाकू के देवनागरी रूपांतरण के रूप म कोडाकू, कोंध के संग-साथ कोंद, भारिया नाम के अंग्रेजी रूपांतरण म बिना परिवर्तन करे भरिया के पक्ष म भारिया के सुधार, पंडो, पण्डो/पन्डो, गोंड़ एंड गोंड, अनुसूचित जनजाति के सूची अंग्रेजी रूपांतरण म बिना परिवर्तन करे गदबा के भारत सरकार डहर ले अनुसूचित जनजाति के जनजाति के सूची म शामिल करे के प्रस्ताव 13 फरवरी 2019 के अनुमोदित करे गे रिहिस, फेर विधेयक अभी तक संसद म पारित नइ हो पाये हावय। प्रतिनिधिमण्डल म जयदेव भोई, पी.एल. सिदार, युवराज रावल, हेमंत भोई, चिंतामणी भोई, भुवाल सिंह सिदार, अनिल सिंह, सुरेश उरांव, एस.आर. प्रधान, अजीत देहारी अउ संगल साय नगेशिया उपस्थित रिहिस।
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