रंग-बिरंगी फूलगोभी |
अंजोर.रायपुर, 13 फरवरी। परंपरागत धान खेती करइया छत्तीसगढ़ के किसान अब खेती-किसानी म नित-नये नवाचार करत धान के आधुनिक खेती सुगंधित धान, फोर्टीफाईड धान के खेती म लगे हावय। राज्य के किसान अब आन लाभकारी फसल मन के संग उद्यानिकी के क्षेत्र म पूरा सफलता के संग हाथ आजमाये लगे हावयं। धान के बदला जादा मुनाफा दे वाला फसल मन विशेषकर उद्यानिकी फसल मन ले फल-फूल, सब्जी, मसाला के खेती के तनि किसान मन के रूझान बढ़त हावय। उद्यानिकी के खेती म नवाचार करके राज्य के हजार किसान मन ह न सिरिफ अपन स्थिति म बदलाव लाये हावय, बल्कि लोगन के पौष्टिक अउ स्वादिष्ट फल अउ सब्जी के उपलब्धता सुनिश्चित करे म अहम रोल अदा करे हावयं।
बिलासपुर जिला के मस्तुरी ब्लॉक के मल्हार के महिला किसानश्रीमती दिव्या देवी वर्मा ह उद्यानिकी के क्षेत्र म नवाचार के जेन प्रयोग करे हावय, वो ह प्रशंसनीय हावय। श्रीमती दिव्या वर्मा अपन पति जदुनंदन प्रसाद वर्मा अउ परिवारजन के संग सामान्य बागवानी के अलावा गुणवत्तायुक्त चार रकम के रंगीन फूलगोभी के खेती करके जादा मुनाफा अर्जित करे के संग ही लोगन के भोजन-थाली के तको पौष्टिकता बनाय हावयं।
उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन वी. ह बताइन के रंगीन गोभियां न केवल देखे म खूबसूरत लगत हावय, बल्कि पोषक तत्व ले तको भरपूर हावय। एमे विटामिन ए कैरोटीन के मात्रा जादा होथे। एमे फाइटो केमिकल्स अउ एंटीऑक्सीडेंट होथे हावय, जेन बीमारी अउ बॉडी इंफेक्शन ले लड़े म सहायक होथे। ये वायरल संक्रमण ले लड़े म मदद तको करत हावय। एमे कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम अउ जिंक होथे हावय, जेन हड्डी मजबूत बनाथे। ये बुजुर्ग अउ गर्भवती महिला मन के खातिर बहुत फायदेमंद हावय। येकर खेती के खातिर ठंडी अउ आर्द्र जलवायु के जरूरत हावय। येकर खेती के खातिर बलुई दोमट माटी काफी उपयुक्त माने जाथे। लगाये के सही समय सितंबर ले अक्टूबर हावय, बांचे आन सबो क्रिया फूलगोभी के खेती के रकम ले ही करे जाथे।
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