मछली पालन |
अंजोर.रायपुर, 17 फरवरी। छत्तीसगढ़ म नवा सरकार के गठन के बाद जनकल्याणकारी नीति ह आर्थिक रूप ले कमजोर वर्ग के खातिर तको आदमनी बढ़ाये के नवा द्वार खोल दे हावयं। येकर बानगी गरियाबंद के फिंगेश्वर विकासखंड के किसान परिवार म देख ल मिलीस, जिहां किसान बालचंद साहू ह परम्परागत खेती ल छोड़़ मछली पालन म संभावना तलाशीस अउ उम्मीद के मुताबिक सफलता तको पाइस। मछली पालन ले आर्थिक समृद्धि तनि कदम बढ़ाके ये किसान परिवार अपन दैनिक जरूरत के अलावा दूसर भौतिक सुविधा के सपना ल तको पूरा करत रिहिन हावय।
जानबा होवय के राज्य म नवा सरकार ह मत्स्य पालन के कृषि के दर्जा दे हावय। येकर बाद प्रदेस के कई हिस्सा म छोटे अउ मझोला किसान धान अउ गेंहू जइसे परम्परागत खेती के अलावा मछली पालन जइसे उपाय अपनात हावयं। राज्य के संग बाहरी राज्य म अच्छा बाजार मिले के सेती ये किसान मन के बढि़या आमदनी तको होत हावय। इही म ले एक गरियाबंद के ग्रामीण अंचल के किसान बालचंद बतात हावयं के उंकर 18 एकड़ के पुस्तैनी जमीन हावय। मत्स्य पालन विभाग डहर ले ओला साल 2019-20 म राष्ट्रीय किसानविकास योजना ले 40 परतिसत के दर ले अनुदान रकम 2.80 लाख रूपिया स्वीकृत करिन। ये रकम ले ओमन स्वयं के तरिया म मत्स्य पालन के विस्तार करिन। अक्टूबर 2020 म ओमन 50 टन मत्स्य उत्पादन करके बाजार म बिक्री करके अच्छा आमदनी अर्जित करिस। आमदनी के अच्छा जरिया मिले ले बालचंद ह अपन कृषि भूमि म एक हेक्टेयर के एक अउ तरिया बनवाइस।
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