अंजोर.महासमुंद,3 मार्च। गर्मी के मौसम के आहट सुरू हो गे हावय। घर के छत म गौरैया अउ आन चिरई के खातिर दाना-पानी भरके रखें। ताकि विलुप्त होवत गौरैया चिरई के कुनबा बढ़ सके। घर के बाहिर ऊॅचाई अउ सुरक्षित जगह म घोंसला लटकावे। आँगन अउ पार्क म नींबू, अमरूद, कनेर, चांदनी उक के पेड़ लगावे। ये पेड़ म गौरैया अपन आशियाना बनाथे। अब घर के आस-पास गौरैया के मधुर चीं-चीं के आवाज तको सुने ल नइ मिलत हाबे। काबर के गांव, शहर म क्रांकीट के मकान अउ मोबाईल टॉवर ले निकले तरंग गौरैया चिड़िया अउ आन चिरई मन के अस्तित्व के खातिर खतरा बनत हावय। ये पक्षी अपन कुनबा बचाये के खातिर जद्दोजहद करत हावयं। हम सबके समिलहा जिम्मेदारी हावय के गौरैया के गौरव लौटाएं। ताकि फेर वो ह लोगन के आंगन अउ छत म फुदकत नजर आएं। ये बात कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ह मोर चिरैया कार्यक्रम म कहिन।
गौरैया चिड़िया संरक्षण खातिर महासमुंद वन मंडल के एक पहल : मोर चिरैया
मार्च 03, 2022
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अंजोर.महासमुंद,3 मार्च। गर्मी के मौसम के आहट सुरू हो गे हावय। घर के छत म गौरैया अउ आन चिरई के खातिर दाना-पानी भरके रखें। ताकि विलुप्त होवत गौरैया चिरई के कुनबा बढ़ सके। घर के बाहिर ऊॅचाई अउ सुरक्षित जगह म घोंसला लटकावे। आँगन अउ पार्क म नींबू, अमरूद, कनेर, चांदनी उक के पेड़ लगावे। ये पेड़ म गौरैया अपन आशियाना बनाथे। अब घर के आस-पास गौरैया के मधुर चीं-चीं के आवाज तको सुने ल नइ मिलत हाबे। काबर के गांव, शहर म क्रांकीट के मकान अउ मोबाईल टॉवर ले निकले तरंग गौरैया चिड़िया अउ आन चिरई मन के अस्तित्व के खातिर खतरा बनत हावय। ये पक्षी अपन कुनबा बचाये के खातिर जद्दोजहद करत हावयं। हम सबके समिलहा जिम्मेदारी हावय के गौरैया के गौरव लौटाएं। ताकि फेर वो ह लोगन के आंगन अउ छत म फुदकत नजर आएं। ये बात कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ह मोर चिरैया कार्यक्रम म कहिन।
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