बागबाहरा - दैहानीभाठा के शांति बाई ठाकुर आज सफलता के शिखर म, पांव म लिखिस जीनगी के नवा कहानी

अंजोर
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Shanti Bai Thakur of Daihanibhatha Bagbahra today in the pinnacle of success | दहनीभाठा बागबहरा की शांति बाई ठाकुर आज सफलता के शिखर पर

अंजोर.महासमुंद,3 अप्रैल। जनम ले विकलांगता ले जूझत 30 साल के दिव्यांग शांति बाई ठाकुर के पास हौसले के कोनो कमी नइ हावय। महासमुंद सहित पूरा छत्तीसगढ़ म पैर ले लिखके प्रौढ़  शिक्षार्थी के तौर म मशहूर शांति के कहानी एक मिसाल बनगे हावय जेन लाखों लोगन ल जीवन म आगू बढ़े के प्रेरणा देत हावय। 

शांति के जनम महासमुंद ज़िला के बागबाहरा के दैहानीभाठा म होइस। जनम के समय ही इंकर दुनों हाथ नइ रिहिस। बड़का सवाल ये हावय छोटे उमर म आत्महत्या विचार करइया वालि शांति ह सफलता के कोन से कुंजी खोज निकालिस जेन आम लोगन के पास नइ हावय। विकलांग लोगन के व्हील चेयर दे या उंकर खातिर कोनो इमारत बनाये ले बदलाव नइ आही, ओला भरोसा दे के जरूरत हावय के आप तको कुछ करके सकत हावयं। आज वो ह सफलता के शिखर म पहुँचे के आतुर दिखाई देत हावय।

पैर ले लिखके पढ़ना-लिखना अभियान के ले प्रौढ़ शिक्षार्थी के महापरीक्षा म कामयाबी हासिल करके, वो अपन घर वाला ल तको पढ़ाई के खातिर जागरुक करत हावय। श्रीमती शांति के दोनो हाथ नइ होए के बावजूद अपन परिवार के खातिर अपन दोनो पैर ले खाना बनाना, खाना खाना, सब्जी, पूड़ी, जीवन के दैनिक बुता के संग संग मोबाइल तको चलथे। पति इन्दल ठाकुर मजदूरी के काम करके अपन परिवार के पालन पोषण करत हावय।

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