गरीब कल्याण सम्मेलन : केंद्र सरकार के आठ साल पूरा होए के उपलक्ष म शिमला म प्रधानमंत्री ह किसान सम्मान निधि जारी करिस

अंजोर
0
गरीब कल्याण सम्मेलन : केंद्र सरकार के आठ साल पूरा होए के उपलक्ष म शिमला म प्रधानमंत्री ह किसान सम्मान निधि जारी करिस

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह हिमाचल प्रदेस के शिमला म 'गरीब कल्याण सम्मेलन' के संबोधित करिन। प्रधानमंत्री मोदी के अगुवई वाला सरकार के आठ साल पूरा होए के उपलक्ष्य म ये अनूठा सार्वजनिक कार्यक्रम देश भर म राज्य के राजधानी, जिला मुख्यालय अउ कृषि विज्ञान केन्द्र म आयोजित करे जात हावय। ए सम्मेलन के अवधारणा देश भर म चुने होए जनप्रतिनिधी मन के सरकार डहर ले चलाए जा रिहिन आने-आने कल्याणकारी कार्यक्रम के बारे म प्रतिक्रिया मिले करे के खातिर जनता के संग सोज गोठबात करे हावय।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ के 11वीं किस्त तको जारी करिस। येकर ले 10 करोड़ ले जादा लाभार्थी किसान परिवार के करीब 21,000 करोड़ के रकम ट्रांसफर हो सकही। ए मउका म प्रधानमंत्री ह देश भर के (पीएम-किसान) के लाभार्थी मन ले तको गोठबात करिस।

दिल्ली म केंद्रीय कृषि अउ किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अउ वाणिज्य अउ उद्योग, कपड़ा, खाद्य अउ उपभोक्ता, सार्वजनिक बाटे मंत्री पीयूष गोयल के आतिथ्य म सम्मेलन होइस, जेमा बड़का संख्या म किसान- वैज्ञानिक उपस्थित रिहिस। सम्मेलन म केंद्रीय मंत्री तोमर ह किहिन के एक समय रिहिस जब वैश्विक स्तर म भारत के उपस्थिति के मान्यता नइ मिलती रिहिस फेर आज मोदीजी के संग देश के 140 करोड़ लोगन के ताकत हावय, वो ताकत के मोदी जी ह विश्व के राजनीतिक मंच म ए रकम ले ले प्रत्यायोजित करिन के दुनिया के कोनो तको राजनीतिक मंच भारत के अनदेखी या उपेक्षा नइ करके सकत हावय। हम सब निश्चित रूप ले उंकर 8 साल के यात्रा म गर्व अउ गौरव के अनुभव करके सकत हावयं। जिहां तक गांव-गरीब-किसान के सवाल हावय त सबो भली-भांति जानत हावयं के सरकार हमेशा इही तबके के खातिर समर्पित रही हावय। गांव म एक जमाना था, जब अधोसंरचना के बहुत जरूरत  रिहिस, एक ले आन गांव जाये के खातिर हफ्ते-हफ्ते के समय लगता था, अटलजी जब प्रधानमंत्री बने, तब ओमन प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना बनाई, वो ह वो काम पूरा नइ करके पाए, आज प्रधानमंत्री श्री मोदी ह उही काम के तेजी ले आगू बढ़ाया अउ गांव म लाखों-लाख संख्या म सड़कें बनाये गे हावयं, हर बड़े ठऊर  ले गांव के जोड़ने के कोशिश के जा रही हावय। पाछु साल सड़कों म बजट 15 हजार करोड़ रु. के रिहिस अउ ए बार गांव के सड़कों के खातिर प्रधानमंत्री ह 19 हजार करोड़ रु. के बजट रखे हावय।

श्री तोमर ह किहिन के आज शहरी अउ ग्रामीण हर क्षेत्र में, जेन गरीब लोगन निवास करत हावयं, ओला स्वयं के छत मिल रही हावय, प्रधानमंत्री घर योजना के ले पूरा देश म काम चल रिहिन हावय। सिरिफ इतना ही नहीं, बल्कि शौचालय, रसोई अउ बिजली कनेक्शन तको मिलत हावय। गरीब मन के संग गैर बराबरी पूरा रकम ले खतम करे के दिशा म मोदी जी के प्रयास ले ये 8 साल म बढि़या काम करे गे हावय, जेकर ले आम आदमी के जीवन स्तर म निश्चित रूप ले बदलाव आये हावय, उहें किसान मन के तको कल्याण होइस हावय।

ओमन किहिन के खेती के क्षेत्र म किसान मन के उत्पादन-उत्पादकता बढ़े, वो तकनीक के प्रयोग करें, ओला वाजिब दाम मिलें, ए दिशा म ठोस काम होए हावयं। पहिली खाद्यान्न म गेहूं अउ चाउंर एमएसपी म खरीदा जात था, मोदीजी ह मोटा अनाज सहित आन उपज के तको उपार्जन सुरू करिन। पीएम चाहत हावयं के किसान आगू बढ़े, उंकर आमदनी दोगुनी अउ फसल डायवर्सिफिकेशन हो, एक सीमा म ही फर्टिलाइजर अउ पानी के उपयोग करिन जाएं, खेती के लागत म तको कमी आए, इही सेती अभियान चलाये हावय अउ करोड़ों किसान लाभान्वित हो रिहिन हावयं। प्रधानमंत्री ह एक कोति जैविक खेती म बल दे, जेकर ले किसान 38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के जैविक खेती के दायरे म ले आएं, ए बार जेन पौने चार लाख करोड़ रूपिया के निर्यात होइस हावय, वो ह तको निश्चित रूप ले किसान मन के मेहनत के परिणामस्वरुप हो पाये हावय, अब प्राकृतिक खेती म प्रधानमंत्री ह बल दे हावय। समय रहत हम रासायनिक खादों म निर्भरता कम करें, प्राकृतिक खेती के आगू बढ़ाएं, स्वस्थ उत्पादन करें, ताकि मनखे स्वस्थ रिहिनं अउ हमर उत्पादन के अच्छा वाजिब दाम तको मिल सकें अउ उत्पादन के गुणवत्ता अइसे रिहिन, जेन वैश्विक मानकों म खरी उतर सके। ए दृष्टि ले हम सब लोगन के खेती के क्षेत्र म आगू बढ़ना हावय।

दिल्ली के कार्यक्रम म भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र, उप महानिदेशक (कृषि प्रसार) डा. ए.के. सिंह के बिसेस उपस्थिति रही। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. अशोक कुमार सिंह ह आभार प्रदर्शन करिन।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !