सफलता के कहानी : दिव्यांग गिरजा ह हिम्मत अउ हुनर ले पाईस सफलता

अंजोर
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सफलता के कहानी : दिव्यांग गिरजा ह हिम्मत अउ हुनर ले पाईस सफलता

रायपुर। छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त अउ विकास निगम के मदद ले स्वावलंबन के तनि बढ़ाये कदम हिम्मत अउ हुनर के संग हो त कोनो अक्षमता सफलता म बाधा नइ बने, ये साबित करे हावय रायपुर के अस्थिबाधित दिव्यांग श्रीमती गिरजा जलक्षत्री ह। चालीस परतिसत अस्थि बाधा ले पीड़ित श्रीमती गिरजा ह अपन दिव्यांगता ल पाछु छोड़त आत्मनिर्भरता के मिसाल कायम करे हावय। आज वो ह न सिरिफ इलेक्ट्रॉनिक अउ फोटो फ्रेमिंग के काम करत हावयं, बल्कि कई बेसहारा दिव्यांग ल ज्वेलरी डिजाइनिंग सिखाके उंकर स्वावलंबन के रसता तइयार करत हावयं। उंकर तिर 20 दिव्यांग हैण्डमेड ज्वेलरी के प्रशिक्षण लेत हावयं। एमे 5 पुरूष अउ 15 महिला मन हावयं। श्रीमती गिरजा डहर ले दिव्यांगजन के स्वावलंबन के दिशा म करे  जात काम के सेती ओला दिल्ली के संस्था डहर ले डॉ. सुब्रमणयम आवार्ड अउ एक लाख रूपिया ले सम्मानित करे गे हावय।

एक बखत श्रीमती गिरजा 12 वीं तक पढ़ाई करे के बाद तको बेरोजगार रिहिस। उंकर पास हुनर रिहिस फेर काम सुरू करे के खातिर पर्याप्त पइसा नइ रिहिस। ए बखत ओला समाज कल्याण विभाग डहर ले संचालित छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त अउ विकास निगम के बारे म पता चलिस जेन दिव्यांग मनखे मनला स्वरोजगार के खातिर करजा देथे। श्रीमती गिरजा ह निगम म 2 लाख 7 हजार रूपिया के करजा के खातिर आवेदन करिन। लोन स्वीकृति के बाद ओमन इलेक्ट्रिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक अउ फोटो फ्रेमिंग के संग हावयंडमेड ज्वेलरी के काम सुरू करिन। आज वो ह आत्मनिर्भर हावयं अउ अपन परिवार के संग कंधे ले कंधा मिलाके चलत हावय। वो ह अपन पति अउ बेटा के संग खुशहाल जीवन बितात हावयं। ओमन निगम डहर ले स्वीकृत पहिली करजा रकम ल सफलता पूर्वक अदा कर दीस हावय। अपन व्यवसाय ल विस्तार दे के खातिर ओमन अब साल 2022-23 म 8 लाख रूपिया के करजा प्रस्ताव फेर ले भेजा हावय।

दुकान के आय के बचत रकम ले वो ह अपन घर म ही दिव्यांग मनला ज्वेलरी डिजायनिंग के प्रशिक्षण देत हावयं। वो ह रेशमी धागा ले आर्टिफीशियल ज्वेलरी निर्माण, धान ले गला के सेट अउ झुमका निर्माण, निरमा साबुन फिनाईल, मसाला बनाये के प्रशिक्षण कुशलता ले देत हावयं। येकर ले दिव्यांग हुनरमंद के संग आत्मनिर्भर तको बन सकही।

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