अंजोर.रायपुर, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव म राज्योत्सव राजस्थान ले कलाकार मन ह चकरी नृत्य के प्रस्तुति दीस, लोगन ह ए नृत्य के जमके आनंद लिस अउ कलाकार मन के ताली ले उत्साह बढ़ाइस। चकरी नृत्य (हाड़ौती) महिला प्रधान नृत्य हावय। तेज रफ्तार के संग नृत्य के समय चक्कर काटे के सेती एला चकरी नृत्य कहत हावयं। हाड़ौती अंचल म करे जाये वाला ए नृत्य म कंजर जाति के अविवाहित युवती मन भाग लेत हावयं। बेड़िया अउ कंजर जाति के महिला मन दवारा ये नृत्य करे जाथे। बूँदी म कजली तीज के मेला म मुख्यत ये नृत्य आयोजित करे जाथे।
चकरी लोक नृत्य राजस्थान के एक लोकप्रिय अउ पारंपारिक लोक नृत्य हावय जेन कोटा बांरा हाड़ोती अंचल क्षेत्र के महिला मन अउ पुरुष डहर ले करे जाथे ए नृत्य के जब राज अउ महाराजा युद्ध जीत करके आते रिहिस तब अपन युद्ध जीतने के खुशी म बिजोरी कांजरी के बुलाकर चकरी नृत्य के करवाते रिहिस खास विशेषता ये हावय के एमे महिला मन डहर ले अस्सी कली के घाघरा चोली पहनकर करके सोलह सिंगार करके गोल गोल चक्कर लगाती हावय मगर ओला चक्कर नइ आते हावयं इही सेती ए नृत्य चकरी लोकनृत्य किहिन जाथे अउ ए नृत्य म पुरुषों के अहम भूमिका रिथे हावय जेमा अपन वादक ढोलक मजीरा नगाड़ा उक बजाकर उंकर धुन म महिला मन के नृत्य करवाते हावयं ए नृत्य म खुशी के कोनो तको परब के जइसे होली, दीपावली बिहाव, सगाई उक म करे जाथे।
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