अंजोर.रायपुर, उत्तराखंड म जौनसार जनजाति महाभारत के कथा म आधारित लोककथा के हमेशा ले प्रदर्शन करत आये हावय। एमे पांडव के शौर्य के यशोगान करे जाथे अउ एला आकर्षक नृत्य रूप म प्रस्तुत करे जाथे। एमे वीरगाथा के प्रदर्शन तको वीरोचित क्रिया डहर ले करे जाथे। आज येकर प्रस्तुति म एक लोक कलाकार ह अपन मुड़ म केतली रखके आगी लगाके चाय तइयार करिस। ए दृश्य के देखके देखइया चकित रहिेगे। येकर संग ही अर्धचंद्राकर गोला म भगवान गणेश के पूजा करे गिस।
जानबा होवय के भगवानराम के वनवास म लौटे म अयोध्या म दीप जलाये गे रिहिस अउ दीपावली के मउका म अइसे दीप भारतीय संस्कृति म जलाये जात हावयं। ये खूबसूरत अनुष्ठान हारूल नृत्य के तको हिस्सा जौनसार जाति के ए खूबसूरत हारूल नृत्य म हाथी म बैठे मनखे हाथ ले अस्त्र घूमात हावय अउ समृद्धि के चिन्हारी पुष्प अउ अक्षत जनसमूह म छिड़कत हावय।
जानबा होवय के जौनसार जाति महाभारत के कथा ले बहुत गहराई ले जुरे होए हावय अउ महाभारत के कथानायक पांडव के अपन आदर्श मानती हावयं। पांडव के अनुश्रुति ही लोककथा अउ हारूल नृत्य के माध्यम ले वो प्रदर्शित करत हावयं। नृत्य के खासियत रमतुला नामक वाद्ययंत्र हावय जेकर ले लोक नृत्य अउ तको मधुर हो जाथे।
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