अंजोर.नई दिल्ली, नौसेना कमांडर के द्वि-वार्षिक सम्मेलन 3 नवंबर के संपन्न होइस। माननीय रक्षा मंत्री ह नौसेना कमांडर के सम्मेलन के बखत भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अगुवई के संग गोठबात करिस। ओमन सम्मेलन ले इतर एक तकनीकी प्रदर्शन देखिस। ओमन हाल के साल म स्वदेशीकरण अउ नवाचार के दिशा म करे गे प्रयास के खातिर नौसेना के सराहना करिस, संग ही नौसेना कमांडर ले समुद्री क्षेत्र म उभरती चुनौती म प्रभावी ढंग ले काबू पाये के खातिर भविष्य के क्षमता विकास म धियान केंद्रित करे के गेलौली करिन।
माननीय रक्षा मंत्री ह राष्ट्रीय सुरक्षा अउ समृद्धि के खातिर सुरक्षित समुद्र सुनिश्चित करे के दिशा म उच्च स्तरीय अभियानगत गति बनाए रखे के खातिर नौसेना के तको सराहना करिस। ओमन आईएनएस विक्रांत, जेन भारत के पहिली स्वदेशी रूप ले डिजाइन अउ बने विमान वाहक हावय, के सफलतापूर्वक कमीशनिंग करे के खातिर अउ हमर औपनिवेशिक अतीत के मिटाये वाला नया नेवल इनसाइन अपनाये के खातिर नौसेना के बधाई दीस।
माननीय रक्षा मंत्री के विचार के अनुरूप, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, पदभार ग्रहण करे के बाद ले नौसेना कमांडर ल अपन पहिली संबोधन म, ऑपरेशनल तइयारी, आत्मनिर्भर भारत अउ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यता के पूरा करे के खातिर सशस्त्र बल म समिलहा रूप ले आगू एकीकरण के जरूरत के दोहराइस। थल सेना प्रमुख, वायु सेना प्रमुख अउ चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) ह तको नौसेना कमांडर के संग गोठबात के अउ मौजूदा सुरक्षा वातावरण के देखत सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल अउ तत्परता के अउ बढ़ाये के तरीका म गोठबात करिस।
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