अंजोर.रायपुर, इंडोनेशिया अउ मलेशिया म पॉम के खेती बड़े पैमाना म करे जात हावय। येकर पॉम ऑयल खाद्य तेल के रूप म इस्तेमाल करे जाथें। छत्तीसगढ़ के भौगोलिक स्थिति अउ जलवायु पाम के खेती के खातिर उपयुक्त हावय। राज्य म येकर खेती के विपुल संभावना ल देखत येकर खेती के बढ़ावा दे जात हावय।
पॉम ऑयल के खाद्य तेल के अलावा ये कास्मेटिक जिनिस बनाये के खातिर तको उपयोग करे जाथे। अभी तक हमर देश म पॉम ऑयल बिदेस ले आयात करे जात हावय। बीते कुछ साल म हमर देश म येकर खेती होत हावय। छत्तीसगढ़ म येकर अच्छा संभावना हावय, इही ल देखत उद्यानिकी विभाग डहर ले पॉम ऑयल के खेती म फोकस करे जात हावय। येकर ले फसल विविधिकरण के संग किसान मन के आमदनी बढ़ाये म मदद मिलही।
पॉम ऑयल के खेती के प्रति किसान मन अउ आम लोगन म जागरूकता के खातिर राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान म उद्यानिकी विभाग के स्टॉल म मुख्य रूप ले पॉम ऑयल के खेती ल दर्शाये गे हावय। छत्तीसगढ़ के जलवायु येकर खेती के खातिर अनुकूल होए के सेती महासमुंद, बालोद, कोरबा, कांकेर क्षेत्र म येकर खेती के जा रही हावय। राज्य म पॉम ऑयल के खेती 7187 हेक्टेयर म के जाथे अउ येकर रकबा सरलग बाढ़त जात हावयं। अभी के बेरा म छत्तीसगढ़ म 467.65 मिटरिक टन पॉम ऑयल के उत्पादन होवत हाबे। एमे अउ बड़वार के संभावना हावय। उद्यानिकी विभाग के स्टॉल म ऑयल पॉम के खेती ले जुड़े आने-आने पहलु के प्रदर्शित करे गे हावय। पौधा रोपण के आने-आने अवस्थाओं, अंतर्वतीय फसलें, हारवेस्टिंग, कलेक्शन सेंटर अउ ऑयल पॉम के आने-आने जिनिस के बारे म जानकारी दीस गे हावय।
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