अंजोर.बालोद, शासन के महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत बने गउठान म गोधन न्याय योजना के तहत बिसाये गे गोबर ले वर्मी खातु के बनाये सरलग रूप ले कराये हावय। संग ही आजीविका मूलक आने-आने गतिविधी संचालित कराये जात हावय, इही क्रम म जिला के 37 गउठान म मुर्गीपालन के बुता कराये जात हावय, जेन के ग्रामीण महिला मन के आमदानी के बहुत ही अच्छा जरिया साबित होइस। मुख्यतः गांव पाकुरभाट, सल्हाईटोला, नंगूटोला, बाईरडीह, खोरदो, पैरी, डढ़ारी जइसे गउठान म बैकयार्ड ले वनराज, सोनाली प्रजाति अउ ब्रॉयलर, कॉकरेल, लेयर अउ कड़कनाथ मुर्गी के पालन कराये जात हावय।
गांव वाला के मांग मुताबिक गउठान म मनरेगा के माध्यम ले मुर्गीपालन के शेड बनाये करके 500 ले 1500 चूजे के क्षमता वाला शेड म मुर्गीपालन के गतिविधि संचालित करत हावय। गांव पाकुरभाट श्रद्धा समिलहा देयता स्व-सहायता समूह के महिला सुषमा घरडे बतात हावय के हमर डहर ले जनवरी 2021 ले गउठान म बने शेड म ब्रॉयलर मुर्गीपालन के बुता सुरू करे गे हावय। एमे हम एक दिवसीय चूजा बिसाये करके शेड म शिफ्ट करत हावय जिहां म चूजा के उमर के आधार म पौष्टिक आहार अउ दाना पानी बर आने-आने उपकरण यथा ड्रींकर फीडर वातानुकूलन के खातिर जरूरत नुसार स्प्रिंकलर के पर्याप्त बेवस्था करे गे हावय। येकर माध्यम ले हम 35 ले 40 दिन म मुर्गी कल बेचे के लायक वजन म ले आत हावय।
ए रकम ले हमर डहर ले अब तक 04 चक्र के ब्रॉयलर पालन करके 01.35 लाख रूपिया के आय अर्जन करे जा चुके हावय, सबोच चक्र म 500 ले 1000 चूजा रखत हावय, येकर बेचे स्थानीय फूटकर बाजार अउ थोक बाजार म करत हावयं। येकर ले ओला गांव म ही अकताहा आय के साधन मिलत हावय। जेकर ले समूह के सबो महिला मन मगन हावय अउ आने वाला समय म ए गतिविधि ल बड़े स्तर म करे के प्रयास करत हावयं।
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