अंजोर.रायपुर। राज्योत्सव के मउका म आयोजित तीन दिवसीय प्रतिष्ठापूर्ण राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव देश-विदेश ले आए आदिवासी लोक नर्तक ले न केवल गुंजायमान होवत हाबे, वरन् उंकर संग थिरकत हावय। हजारों जोड़ी आँखी ये दृश्य ल न केवल देखत हावय, बल्कि ये लोक-लुभावन दृश्य ल देखके उंकर हिरदे तको झूम हावय। लोक नृत्य के कलाकार मन के कदम ताल ले हजारों देखइया के पांव तको थिरके लगे हावयं।
राज्योत्सव के पहिली दिन कश्मीर के धमाली लोक नृत्य के कलाकार मन के प्रस्तुति के देखेन, जइसे कश्मीर के खूबसूरत वादि छत्तीसगढ़ के सरजमीन म उतर आये हावयं। कश्मीर के ए खूबसूरत लोक नृत्य म प्रकृति के आराधना ईश्वर के रूप म करे जात हावय। येकर पाछु असम के कलाकार मन ह ‘दोमती के कण’ कुरूख नृत्य के प्रस्तुति दीस। ए नृत्य म बैसाख के दिन म असम के युवक-युवतियां नाच-गाकर अपन खुशियां बांटते हावयं अउ अपन बड़े-बुजुर्ग ले आशीर्वाद ले के परम्परा के आगू बढ़ाते आज तको अपन संस्कृति के संरक्षित करे होइस हावय। ए नृत्य म ‘चेन’ ढोल नुमा वाद्य यंत्र के प्रयोग करे जाथे। संग ही ए नृत्य म एक नवा उम्मीद अउ विश्वास के संग ओला घर म प्रवेश दे जाथे।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव
राज्योत्सव म आज पहिली दिन कश्मीर अउ असम के लोक नृत्य ह शमा बांधिस। हमर छत्तीसगढ़ आज 22 साल के युवा म रूपांतरित हो चुके हावय। ये हम सबो छत्तीसगढ़वासी के खातिर गर्व के बात हावय। राज्य सरकार ह छत्तीसगढ़ि ल तीसरा साल तको आदिवासी लोक नृत्य के सौगात दीस हावय।
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