चरवाहा मोहित यादव ह गोबर बेचके कराइन जमीन के रजिस्ट्री, 550 क्विंटल गोबर बेचके कमाइस 1.10 लाख रूपिया

अंजोर
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चरवाहा मोहित यादव ह गोबर बेचके कराइन जमीन के रजिस्ट्री, 550 क्विंटल गोबर बेचके कमाइस 1.10 लाख रूपिया
गोधन न्याय योजना : चरवाहा मोहित यादव ह गोबर बेचके कराइन जमीन के रजिस्ट्री


अंजोर.धमतरी। प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना केऊ जरूरतमंद लोगन के जिनगी म बदलाव के नवा किरन लेके आये हावय। येकर ले गउठान समिति आर्थिक रूप ले सशक्त बनत हावयं, बल्कि आम गांव वाला अउ गोधन के सेवा ले जुड़े चरवाह के जिनगी म तको सकारात्मक बदलाव आये हावयं। गोबर ले अब तक सिरिफ छेना बनाके उपयोग करे अउ बेचइया चरवाह के भाग के दुवार  ए योजना ले खुले लगे हावयं। जिला के गांव पोटियाडीह के चरवाहा के जिनगी म अइसे बदलाव आइस के गोबर बेचके ओमन अपन आय के जरिया सुनिश्चित करिन, संग म बूंद-बूंद ले घड़ा भरके उही रकम ले खरीदे प्लॉट के रजिस्ट्री तको कराइस।

जिला मुख्यालय ले लगे धमतरी विकासखण्ड के गांव पोटियाडीह म रहइया चरवाहा मोहितराम यादव के शासन के ए महत्वाकांक्षी योजना के सउहे लाभ मिलिस। योजना के तहत रोज गोबर बेचके ओमन एक लाख ले जादा के रकम अर्जित कर लिस। ओमन किहिन के जब ले गोधन न्याय योजना आये हावय तब ले उंकर भाग्य चमक उठे हावय। आज ले लगभग ढाई साल पहिली तक वो ह गोबर के संग्रहित करके सिरिफ छेना बनाये के काम करत रिहिस, जेकर उपयोग घरेलू ईंधन के तौर म करत रिहिस, उहें बचे होइस छेना ल औने-पौने दाम म बेच देत रिहिस। जब यादव ले ए योजना के उंकर जिनगी म उपयोगिता के बारे म पूछे गिस, त ओमन उत्साहित होके बोलिन म कहा- ‘हमर छत्तीसगढ़ी म एक ठन हाना जुड़े हे- घुरवा के घलो दिन बहुरथे...। अइसे लागत हे, जइसे हमर सरकार हमरे मन असन रोजी-मजदूरी करके गुजारा करइया मन बर ए योजना ल बनाय हवै..। कभू नइ सोंचे रेहेन के गउठान म गोबर बेंच हमर जिनगी संवर जाही...!

61 साल के चरवाहा यादव ह बताइन के पोटियाडीह म गउठान बने के बाद ले वो ह उहां रोजाना औसतन 50 किलोग्राम गोबर बेचत हावयं, जेकर ले अपन चरवाही बुता के अलावा 100 रूपिया रोज के आय मिल जात हावय। ओमन बताइन के अब तक 55 हजार किलो यानी 550 क्विंटल गोबर गांव म बने गउठान म बेचके एक लाख 10 हजार रूपिया के आय अर्जित करिस। ए बुता म उंकर पत्नी श्रीमती द्रोपदी के अलावा कुन्दन अउ गुलशन तको सहयोग करत हावयं। यादव ह येहू बताइन के बड़े बेटा फलेन्द्र के बिहाव के बाद ओमन घर बनाये के सोचिस, जेकर बाद गांव म ही 14 डिसमिल प्लॉट खरीद लिस। येकर बाद रजिस्ट्री के खातिर एक लाख ले जादा रकम लगे के जब बात आइस त वो चिंतित होगे। फेर उंकर पत्नी ह गोबर बेचके जमा पूंजी के रजिस्ट्री के खातिर लगाये के सलाह दीस। फेर का रिहिस, जमा रकम के निकालके अपन जमीन के तुरते रजिस्ट्री करा लिस अउ अब वो गजब खुश हावयं के 14 डिसमिल प्लॉट के मालिकाना हक ओला मिलगे।

यादव के पत्नी श्रीमती द्रोपती ह ये तको बताइन के वो ह गउठान समिति के सदस्य हावयं अउ गोबर बेचे के अलावा घर म छेरी अउ कुकरी तको पाले हावयं। अभी के बेरा म उंकर घर म 8 गाय-भैंस, 26 बकरा-बकरी अउ तकरीबन 32कुकरा-कुकरी हावयं। काली तक बमुश्किल जीविकोपार्जन करइया यादव परिवार अब अपन मेहनत अउ सरकार के ए दूरदर्शी योजना के चलत कोनो के आगू झुके नहीं! अइसे उम्मीद अउ आत्मविश्वास हावय चरवाहा मोहित यादव ल।

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