गोबर ले बने प्राकृतिक पेंट बेंच के महिला मन आर्थिक रूप ले होवथे मजबूत

अंजोर
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गोबर ले बने प्राकृतिक पेंट बेंच के महिला मन आर्थिक रूप ले होवथे मजबूत


अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पहल म प्रदेस सरकार के महत्वाकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बाड़ी अउ गोधन न्याय योजना के तहत गउठान म गोबर ले वर्मी कम्पोस्ट के संग ही आन सामान के बनाये महिला स्व मदद समूह के डहर ले करे जात हावयं। गौमूत्र ले फसल कीटनाशक अउ जीवामृत तइयार करे जात हावयं। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना (रीपा) आत्मनिर्भरता अउ सफलता के नवा इबारत लिखत हावय। ये सबके संग अब गोबर ले प्राकृतिक पेंट बनाये के काम तको पूरा प्रदेस म सुरू हो चुके हावय महिला मन प्रशिक्षण लेके स्व मदद समूह के माध्यम ले पेंट के बनाये करत हावयं।

गोबर ले प्राकृतिक पेंट के निर्माण, सबो सरकारी भवन म अनिवार्य रूप ले इस्तेमाल करे के निर्देश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के मुताबिक गोबर ले प्राकृतिक पेंट के बनाये के खातिर राज्य म 42 उत्पादन इकाइयों के स्वीकृती दीस हावय। एमे ले 13 उत्पादन इकाइ के स्थापना हो चुके हावय जबकि 21 जिला  म 29 इकाइ  स्थापना के खातिर प्रक्रियाधीन हावयं। शासन के निर्देश हावय के सबो सरकारी भवन म अनिवार्य रूप ले गोबर ले बने प्राकृतिक पेंट के इस्तेमाल हो।

15 दिन के अंदर ही 60 हजार रूपिया तक के गोबर पेंट के विक्रय

कोरिया जिला के गांव मझगंवा म महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना के तहत इहां गोबर ले प्राकृतिक पेंट बनाये के इकाई  सुरू हो गे हावय। इहां प्रगति समूह के महिला मन के प्रशिक्षित करके पेंट बनाये के बुता सुरू करे गे हावय। 15 दिन के अंदर ही समूह ह 800 लीटर पेंट बनाये हावय जेमा ले 500 लीटर पेंट के बेचे चुके हावय। पेंट के कीमत लगभग 60 हजार रूपिया हावय। गोबर ले बने प्राकृतिक पेंट ल सी-मार्ट के माध्यम ले खुले बाजार म बेचे के खातिर रखे जात हावय। 

पर्यावरण के अनुकूल हावय प्राकृतिक पेंट

गोबर ले बने प्राकृतिक पेंट म एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, पर्यावरण अनुकूल, प्राकृतिक ऊष्मा रोधक, किफायती, भारी धातु मुक्त, अविषाक्त अउ गंध रहित गुण पाये जात हावयं। गुण ल देखत छत्तीसगढ़ शासन डहर ले सबो सरकारी भवन के रंगाई बर गोबर ले प्रकृतिक पेंट के उपयोग के निर्देश दिये गे हावयं।

पेंट बनाये ले ग्रामीण महिला मन ल होत हावय लाभ

गोबर ले पेंट बनाये के प्रक्रिया म पहिली गोबर अउ पानी के मिश्रण के मशीन म डालके अच्छा रकम ले ले मिलाये जाथे  अउ फेर बारीक जाली ले छानके अघुलनशील जिनिस हटा ले जाथे। फेर कुछ रसायन के उपयोग करके ओला ब्लीच करे जाथे अउ स्टीम के प्रक्रिया ले गुजारा जाथे। उंकर बाद सी.एम.एस. नामक जिनिस मिलत  हावय। येकर ले डिस्टेम्पर अउ इमल्सन के रूप म जिनिस बनाए जात हावयं। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के ले महिला समूह डहर ले प्राकृतिक पेंट के उत्पादन ओला आर्थिक रूप ले मजबूत करे के काम करत हावय, प्राकृतिक पेंट के मांग ल देखत येकर उत्पादन तको दिन ब दिन बढ़ाये जात हावय।

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