|
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अउ सहायिका मन बाढ़हे मानदेय ले खुस |
अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भरोसे के बजट के घोसना के संग ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अउ सहायिक मनके बीच खुसी के लहर दउड़ गे। होली के दू दिन पहिली ए घोसना ले बिलासपुर जिला के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अउ सहायिका ह जमके होली खेलिस। महिला मन ह नगाड़ा, ढोल के धुन के बीच गुलाल लगाके एक दूसर ल बधाई दीस अउ अपन खुशी जाहिर करत जमके खुशी मनाईस। बजट के ओमन भरोसे के बजट बतात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति अपन आभार व्यक्त करिन।
जानबा होवय के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल डहर ले पेश करे गे बजट म आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मासिक मानदेय के रकम 6 हजार 500 प्रति महीना ले बढ़ाके अब 10 हजार रूपए, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय 4 हजार 500 रू ले बढ़ाके 7 हजार 500 रूपिया मासिक अउ सहायिका के मानदेय 3 हजार 250 रूपिया ले बढ़ाके 5 हजार रूपिया मासिक करे के घोसना करे गे हावय।
महिला अउ बाल विकास विभाग के कार्यालय के आगू महिला मन ह बजट घोसना म अपन खुसी जाहिर करत जश्न मनाइस। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ के जिला उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा सिंह चौहान ह किहिन के ए घोसना ले मिले खुशी ल शब्द म बयां नइ करे जा सके। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति हम सब आभारी हावय। ओमन किहिन के ये बजट हमर खातिर होली, दिवाली सबो तिहार ले बढ़के साबित होइस हावय। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुश्री ललिता यादव ह मुख्यमंत्री के आभार जताते किहिन के ए घोसना ले होली तिहार के खुशी दोगुनी होगे हावय।
श्रीमती गीतांजली पाण्डेय ह किहिन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ए घोसना ले हमन ल संबल मिले हावय। महिला सशक्तीकरण के दिशा म ये घोसना मील के पथरा साबित होही। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती इंदु जायसवाल ह मुख्यमंत्री के प्रति आभार जतात किहिन के मानदेय बढ़े के घोसना ले उंकर संग ही परिवार के लोगन म तको खुशी के लहर दउड़ गे हावय। अब पारिवारिक जिम्मेदारी पहिली ले बढि़या तरीका ले निभा पाये म मदद मिलही। आंगनबाड़ी सहायिका श्रीमती बेगम बाई ह बजट के भरोसे के बजट बतात किहिन के मानदेय बढ़े ले परिवार के भरण-पोषण अब सुचारू रूप ले हो पाही।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।