मुख्यमंत्री पेड़ सम्पदा योजना |
अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह राज्य म पेड़ के व्यावसायिक उपयोग ल बढ़ावा दे के अपार संभाना ल देखत ‘मुख्यमंत्री पेड़ संपदा योजना’ के लागू करे जाये के घोसना करे हावय। ए योजनांतर्गत किसान मनके आय बढ़ाये के उद्देश्य ले किसान मनके सहमति म उंकर भूमि म वाणिज्यिक वृक्षारोपण करे जाना हावय। मुख्यमंत्री पेड़ सम्पदा योजना के क्रियान्वयन के तइयारी म वन विभाग जुट गे हावय।
जानबा होवय के मुख्यमंत्री पेड़ संपदा योजना ले सबो वर्ग के सबो इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होही। येकर अलावा शासकीय, अर्धशासकीय अउ शासन के स्वायत्व संस्थान जेन अपन स्वयं के भूमि म रोपण करे के चाहत हावयं, पात्र होही।
इही रकम ले निजी शिक्षण संस्था, निजी ट्रस्ट, गैर सरकारी संस्था, पंचायत, भूमि अनुबंध धारक, जेन अपन भूमि म रोपण करे के चाहत हावयं, वो पात्र होही। ए योजनांतर्गत राज्य शासन डहर ले 5 एकड़ तक वृक्षारोपण बर 100 परतिसत अनुदान अउ 5 एकड़ ले जादा क्षेत्र म वृक्षारोपण बर 50 परतिसत वित्तीय अनुदान देही। योजना ले मुख्य रूप ले 05 पेड़ प्रजाति के खेती के खातिर किसान मनला बिसेस रूप ले प्रोत्साहित करे जात हावय। एमे टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया, टिशू कल्चर सागौन अउ सादा चंदन सामिल हावय।
मुख्यमंत्री पेड़ संपदा योजना के मुख्य उद्देश्य राज्य म वाणिज्यिक वृक्षारोपण के बढ़ावा देना हावय। येकर तहत राज्य के सबो कृषक, शासकीय, गैर शासकीय, अर्धशासकीय, पंचायत, या स्वायत्व संस्थान के भूमि म वाणिज्यिक प्रजाति के वृक्षारोपण बाद साथी संस्था, निजी कंपनी के माध्यम ले करार समर्थन कीमत म वनोपज के बिसाये के बेवस्था करत होइस एक मजबूत बाजार बेवस्था उक सुनिश्चित करे हावय।
ए संबंध म प्रधान मुख्य वन संरक्षक अउ वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ह बताइन के मुख्यमंत्री पेड़ सम्पदा योजनांतर्गत राज्य म ए साल 12 रकम ले के प्रजाति के पेड़ के 30 हजार एकड़ रकबे म रोपण करे जाही। एमे ले क्लोनल यूकलिप्टस के 17 हजार 182 एकड़ में, रूटशूट टीक के 6 हजार 456 एकड़ में, टिश्यू कल्चर के 2 हजार 617 एकड़ में, चंदन के 1 हजार 462 एकड़ में, मिलिया डूबिया के 8 सौ 34 एकड़ में, सामान्य बांस के 7 सौ 37 एकड़ में, टिश्यू कल्चर बम्बू के 6 सौ 7 एकड़ में, लहू चंदन के 1 सौ 26 एकड़ में, आमला के 43 एकड़ में, खमार के 40 एकड़ में, शीशम के 20 एकड़ म अउ महानीम के 20 एकड़ रकबे म लगाये के लक्ष्य रखे गे हावय।
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