पौनी-पसारी योजना के पूरा जानकारी: स्थानीय परंपरागत बेवसाय म कोन-कोन ल मिनही लाभ

अंजोर
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पौनी-पसारी योजना के पूरा जानकारी: स्थानीय परंपरागत बेवसाय म कोन-कोन ल मिनही लाभ


अंजोर.रायपुर। प्रदेश के सबो नगरीय क्षेत्र के असंगठित क्षेत्र के परंपरागत व्यवसाय करे बर इच्छुक मनखे मन अउ समूह के महिला मन के कौशल उन्नयन सघन शहरी क्षेत्र म व्यवसाय बर किफायती दैनिक शुल्क म चबूतरा के प्रावधान करे गे हावय। ये योजना छत्तीसगढ़ के जुन्ना परंपरा के ले पौनी-पसारी व्यवसाय के नवजीवन दे कराइन म सहायक हावय। येकर तहत स्थानीय परंपरागत बेवसाय जैसे- लोहा ले संबधित कार्यो, माटी के बर्तन, कपडे़ धुलाई, जूते चप्पल तइयार करना, लकड़ी ले संबंधित कार्य, पशु मन के खातिर चारा, सब्जी-भाजी उत्पादन, कपड़ा के बुनाई-सिलाई, कंबल,  मूरति मन  बनाना, फूल के व्यवसाय, पूजन सामग्री, बांस के टोकना, सूपा, केशकर्तन, दोना-पत्तल, चटाई तइयार करे अउ गहना अउ सौंदर्य सामान उकका व्यवसाय पौनी-पसारी व्यवसाय के रूप म रोजगार उपलब्ध कराइन जाथे।

योजना के तहत अब तक करीब 263 पौनी-पसारी इकाई (चबूतरा) के बनाये करके 7 करोड़ 33 लाख 8 हजार रूपिया रकम मंजूर के गे हावय। योजनांतर्गत प्रति नग 30 लाख के पात्रता करार हावय। योजना के तहत नगरीय निकाय के शत-प्रतिशत अनुदान दे जाथे । वित्तीय साल 2019-20 म कुल 108 परियोजना बर 2750.70 लाख रूपिया के मंजूरी दे के गे हावय। अउ वित्तीय साल 2020-21 म अद्यतन 152 परियोजना बर  4506.02 लाख रूपिया के मंजूरी दे के गे हावय। साल 2021 म एक परियोजना बर 26.35 लाख रूपिया के मंजूरी दे के गे हावय। वित्तीय साल 2022-23 म दू परियोजना बर 55.24 लाख रूपिया के मंजूरी दे।

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