प्रगति मैदान विश्व पुस्तक मेला 2023 म 'इंडियाज वैक्सीन ग्रोथ स्टोरी' |
अंजोर.PIB Delhi। केन्द्रीय स्वास्थ्य अउ परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ह प्रगति मैदान म आयोजित विश्व पुस्तक मेला 2023 म सज्जन सिंह यादव, अपर सचिव, भारत सरकार डहर ले लिखित पुस्ततक 'इंडियाज वैक्सीन ग्रोथ स्टोरी - फ्रॉम काउपॉक्सउ टू वैक्सीन मैत्री' के विमोचन करिन। पुस्तक कोविड-19 टीक के विकास, उत्पादन अउ बाटे म भारत के प्रभावशाली उपलब्धि म विस्तार ले बतात हावय। ए मउका म केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, अउ आन वरिष्ठ अधिकारी तको उपस्थित रिहिस।
डॉ. मांडविया ह भारतीय वैज्ञानिक समुदाय अउ देश भर के उत्कृष्ट स्वास्थ्य पेशेवर के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रति विश्वास के बढ़ई करत किहिन के ए संयोजन ह भारत के अइसे उपलब्धि हासिल करे के खातिर अकल्पनीय चुनौती म विजय खातिर प्रेरित करिन, जइसे अद्भुत बुता कोनो अउ देश ह येकर ले पहिली नइ करे रिहिस, जेकर ले न सिरिफ अपन देश के जरूरत पूरा करे गें, बल्कि सही समय म दुनिया भर के जिनगी रक्षक टीक के आपूर्ति करिस। स्वास्थ्य पेशेवर के अटूट समर्पण के बढ़ई करत, डॉ. मांडविया ह किहिन के "भारत ह दुनिया के सबले बड़े कोविड टीकाकरण अभियान के एक हिस्सा के रूप म 2.2 बिलियन खुराक दीस, बिना कोनो कमी के पूरा देश म 3.4 मिलियन लोगन के जान बचईस।" मंत्री ह ए बात म तको प्रकाश डाला के जब आन देश वैक्सीन के लेके असमंजस के स्थिति म रिहिस, भारत ह एक अनुकरणीय प्रो-टीकाकरण कोविड प्रबंधन मॉडल स्थापित करिन।
प्रगति मैदान विश्व पुस्तक मेला 2023 म 'इंडियाज वैक्सीन ग्रोथ स्टोरी' |
डॉ. मांडविया ह कहा, "मोला ये देखके बहुत खुशी हो रेहे हावय के अनुसंधान, बनाये अउ वैक्सीन अभियान के विस्ता्र ले रूप ले चित्रण करे गे हावय, जेन न सिरिफ महामारी संकट के वर्णन करत हावय, बल्कि वैक्सीन के इतिहास म तको जाथे, जेकर पता 2500 साल पहिली लगाये जा सकत था।" स्वास्थ्य मंत्री ह लेखक मनले ये कहत होइस आगू आने के गेलौली करिन के "अनुसंधान-आधारित प्रलेखन एक अइसे माध्यम हावय जेन भारत के विरासत के प्रकाश म ला सकत हावय, विश्व संभावना अउ समाधान के दर्शात हावय, जइसे के भारत ह कोविड-19 के बखत अपन तइयारी के देखाइस, हमर पारंपरिक जड़ अउ विरासत म निर्भर करत हावय"।
ओमन आगू कहिन "हमार विरासत हमर ज्ञान अउ विज्ञान के दर्शात हावय जेन समय के कसौटी म खरा उतरे हावय, अउ संकट के समय म अनुकरणीय साबित होए हावय। हमर पारंपरिक अभिवादन 'नमस्ते' के उदाहरण देत, जेन महामारी के संकट म अभिवादन के वैश्विक तरीका बन गे, स्वास्थ्य मंत्री ह किहिन के "हमार लोगन के हमर विरासत के भीतर खोज करना चाही, वो वैज्ञानिक प्रक्रिया के आधार म परंपरा के एक गहरा भंडार पाये, जेन भारत के अपन कब्जा म रखे हावय अउ बड़का रूप ले दुनिया डहर ले स्वीकार करे जाथे।"
स्वास्थ्य मंत्री हलेखक मनके अनुसंधान-आधारित प्रलेखन के विकसित करे के खातिर प्रोत्साहित करिन जेन भारत के परंपरा अउ विरासत के खजाने के एक आवाज दिहीजेन निष्क्रिय हावय अउ जेला भुला दे गे रिहिस, अउ ओला प्रकाश म लाही।
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