मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ल फ्रांस के यूनिवर्सिटी ह दीस डॉक्टरेट के उपाधि

अंजोर
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ल फ्रांस के यूनिवर्सिटी ह दीस डॉक्टरेट के उपाधि



अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विश्व प्रसिद्ध सोरबोन यूनिवर्सिटी डहर ले छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सीमित अउ स्थानीय संसाधन के उपयोगिता के संग आगू बढ़ाये के खास पहल के खातिर डॉक्टरेट के उपाधि दीस। मुख्यमंत्री बघेल आज अरोबिंदो फाउंडेशन डहर ले राजधानी रायपुर के होटल सायाजी म आयोजित सोरबोन यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस, फ्रांस के कार्यक्रम ’ग्लोबल अवार्ड्स 2023’ म सामिल होइस। ए मउका म इसरो के पूर्व वैज्ञानिक सुरेश कुमार, सोरबोन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. विवेक, अरोबिंदो योग अउ नॉलेज फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉ. समरेन्द्र घोष, डॉ. बी.के. स्थापक, डॉ. संदीप मारवाह, डॉ. विनय अग्रवाल तको उपस्थित रिहिन। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल अउ उंकर परिवार के लोगन तको ए कार्यक्रम म सामिल होइस।  

कार्यक्रम ल संबोधित करत होइस मुख्यमंत्री बघेल ह किहिन के फ्रांस के प्रतिष्ठित सोरबोन यूनिर्विसिटी ह छत्तीसगढ़ शासन के विकास कार्यक्रम के सहराइस हावय अउ मोला आज डॉक्टरेट के मानद उपाधि ले नवाजा हावय, येकर खातिर बहुत-बहुत धन्यवाद। जब काम करे सुरू करिन त बस ये चाह रिहिसके अच्छा काम करत रहना हावय। काम करत गे अउ रद्दा निकलता गे। ये उपाधि जरूर मोला मिले हावय फेर येकर पाछु योगदान मोर परिवार वाला के हावय। जनप्रतिनिधी मन के हावय अधिकारी-कर्मचारियों के हावय। ये सम्मान छत्तीसगढ़ के सबो मेहनतकश लोगन के सम्मान हावय जेन मन अपन श्रम ले छत्तीसगढ़ के खड़ा करिन।

मुख्यमंत्री ह आगू किहिन के आज मोर परिवार तको संग हावय। सबले अच्छा बात हावय के मोर पोता तको संग हावय। मोर घर म एक किताब विनोबा जी के हावय। ओमा ओमन लिखा हावय के भारत म महात्मा गांधी, रविन्द्र नाथ, रामकृष्ण परमहंस जइसे विभूति रेहे हावयं अउ उंकर योगदान हमर मनीषा के बनाये म हावय। बिना अस्त्र के लड़ाई के कल्पना संभव हावय क्या, महात्मा गांधी ह एला साकार करिन। अरोबिंदो के योगदान के सुरता करत होइस ओमन किहिन के जब तंहू मन निर्लिप्त भाव ले कर्म करही त द्वेष रहित होके काम करही। जेन लोगन नैतिकता के प्रधानता देत हावयं। वो धन ले दूरिहा होवत हावयं। माँ ह किहिन के नैतिक लोगन के धन ले दूरिहा नइ होना चाही। उंकर हाथ म धन होही त वो सार्थक उपयोग करही।

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