अंजोर.रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के वैश्विक स्तर म ईएसजी यानी पर्यावरण, सामाजिक कल्याण अउ सुशासन के क्षेत्र म उत्कृष्ट बुता करे के खातिर सरकारी श्रेणी ले पृथ्वी अवॉर्ड्स 2023 ले नवाजा गे। ये पुरस्कार भारत सरकार के कानून अउ न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल डहर ले दे करे गिस। ए बखत प्रदेस म ग्रामीण विकास अउ आर्थिक सशक्तिकरण के बढ़ावा दे के खातिर एनजीओ-स्वयंसेवक श्रेणी म राज्य के दू स्व-सहायता समूह के तको सम्मानित करे गिस। कवर्धा जिला ले जुनवानी गांव के जय बुढ़ा देव स्व-सहायता समूह अउ बस्तर जिला के आसना गाँव के वर्षा स्व-सहायता समूह के सम्मानित करे गिस।
नवा दिल्ली म 14 अउ 15 जुलाई के आयोजित ईएसजी ग्लोबल कॉन्फ्रेंस म पृथ्वी अवॉर्ड्स ईएसजी रिसर्च फाउंडेशन डहर ले दे करे गे हावय, जेन भारत म ईएसजी अनुपालन के खातिर एक सराहनीय पहल हावय। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ सरलग आदिवासी ग्रामीण अंचल म वनोपज के माध्यम ले रोजगार मूलक गतिविधी करके ओला आत्मनिर्भर बनाये के खातिर प्रयासरत हावय। करीब 100 ले जादा वन जिनिस के छत्तीसगढ़ हर्बल्स के ब्रांड नाम दे गे। वन-धन केन्द्र के माध्यम ले छत्तीसगढ़ के वनांचलों ले निकले जैविक शुद्धता वाला तमाम प्रोडक्ट्स के रूप म घर तक पहुंच रिहिन हावयं। ग्रामीण महिला मन वनोपज आधारित आर्थिक विकास के मॉडल बनाये म सरलग शासन-प्रशासन के संग आगू आ रेहे हावयं।
महिला मन के आर्थिक सशक्तिकरण के जरिया बनिस बस्तर के इमली
बस्तर के एक छोटे ले गांव आसना के वर्षा स्व-सहायता समूह ह अथक प्रयास ले अपन क्षेत्र के स्थानीय अर्थव्यवस्था के काफी प्रभावित करिन अउ सशक्त बनाये के दिशा म अग्रसर रहीं कुल 10 महिला स्व-सहायता समूह के संग 104 सदस्य मन के एक इकाई वन धन योजना ले कार्यरत हावय।
इमली के प्राथमिक प्रसंस्करण गतिविधि ले स्थानीय आबादी के 23 लाख रूपिया ले जादा आय मिले होए हावय। वर्षा एसएचजी के गतिविधि ले 3000 ले जादा स्थानीय वनवासी लाभान्वित होइस हावयं। स्थानीय लोगन ले 4,500 कोंटल इमली के खरीद ले क्षेत्र के अर्थव्यवस्था म 1.54 करोड़ रूपिया के बढ़ोतरी होए हावय अउ येकर परिणामस्वरूप स्थानीय लोगन के वित्तीय अउ सामाजिक स्थिति म बड़वार होइस।
कवर्धा के जय बुढ़ा देव स्व-सहायता समूह ह मोटा अनाज के दीस नवा पहचान
जयबुढ़ा देव स्व-सहायता समूह 10 समूह के ले 244 सदस्य मन के इकाई हावय, जेन मोटा अनाज यानि अन्न के उत्पादन अउ प्राथमिक प्रसंस्करण के खातिर कार्यरत हावय। बीते साल जय बुढ़ा स्व-सहायता समूह ह 30 ले 33 रूपिया प्रति किलो के दर ले करीब 8187 कोंटल मोटा अनाज के खरीदी के अउ प्रसंस्कृत करिन। येकर परिणामस्वरूप स्थानीय किसान मन के 2.45 करोड़ रूपिया के वित्तीय पारिश्रमिक मिले होइस।
वनांचल म ग्रामीण आजीविका के तेजी ले विस्तार करके रिहिन छत्तीसगढ़ हर्बल्स
प्रदेस के वनांचलों म ग्रामीण विकास अउ उत्थान के खातिर बुता करे जा रिहिन हावयं। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ले छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रोडक्ट्स स्थानीय संजीवनी स्टोर, सी-मार्ट अउ ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स म तको उपलब्ध हावयं। इहां न सिरिफ सबले बढि़या हर्बल, आयुर्वेदिक अउ पर्सनल केयर के प्रोड्क्ट्स बनाए जा रिहिन हावयं, बल्कि ए पूरा प्रक्रिया के उद्देश्य ग्रामीण महिला मन अउ आदिवासी परिवार के सशक्त बनाये हावय। येकर ले न सिरिफ वनोपज के नवा पहचान मिले हावय, बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ आदिवासी महिला मन अउ उंकर परिवार के स्वाभिमान, आत्मविश्वास अउ आत्मनिर्भरता के नया अध्याय लिख रिहिन हावय।
पर्यावरण सहेजे केऊ योजना संचालित
नरवा कार्यक्रम ले अब तक वनांचलों के 6395 नाला के पुनर्जीवित करके 22 लाख 92 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के उपचारित करिन जा चुके हावय। येकर ले नाला के आसपास के क्षेत्र म भू-जल स्तर म बड़वार होए हावय। निस्तार अउ सिंचाई के खातिर जल के उपलब्धि बाढ़हे हावय। जमीन म नमी तको बाढ़हे हावय। छत्तीसगढ़ के वनांचलों म वनोपज आधारित आर्थिक विकास के गति दे के सार्थक प्रयास करे जा रिहिन हावयं। प्रदेस म 65 रकम ले के वनोत्पादों के समर्थन कीमत म खरीदी करके उंकर वैल्यूएडिशन अउ प्रोसेसिंग के बुता करे जात हावय। जेकर ले वनांचल म रेहे वाला लोगन के रोजगार मिलत हावय अउ उंकर आमदनी तको सुनिश्चित हो रेहे हावय। येकर अलावा प्रदेस म मुख्यमंत्री पेड़ संपदा योजना ले फलदार पेड़ के प्रोत्साहन मिलत हावय अउ वनावरण म तको बड़वार हो रेहे हावय। ए योजना म लगभग 36 हजार एकड़ म प्लांटेशन करे के लक्ष्य हावय। मुख्यमंत्री पेड़ संपदा योजना म किसान मन डहर ले बिसेस रूचि देखाइस जा रेहे हावय। राज्य म योजनांतर्गत अब तक 20 हजार ले जादा किसान मनके पंजीयन हो चुके हावय, फेर 23 हजार ले जादा हितग्राही मन डहर ले लगभग 36 हजार एकड़ निजी भूमि म मुख्यमंत्री पेड़ सम्पदा योजना ले वृक्षारोपण के खातिर सहमति दीस हावय।
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