दुष्यंत कुमार के कविता संग्रह ‘ चिरई खोंधरा’ के होइस विमोचन

अंजोर
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दुष्यंत कुमार के कविता संग्रह ‘ चिरई खोंधरा’ के होइस विमोचन



अंजोर.रायपुर। रायपुर के युवा कवि दुष्यंत कुमार साहू के तीसरइया कविता संग्रह ‘चिरई खोंधरा के विमोचन कमल विहार डूण्डा के एक निजी अस्पताल के सभागार म होइस। ये मउका म पूर्व विधायक रायपुर ग्रामीण नंदकुमार साहू, प्रसिद्ध गीतकार मीर अली मीर, राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल भतपहरी, शिक्षाविद् डॉ. मुक्ति बैस, हरिभूमि चौपाल के संपादक डॉ. दीनदयाल साहू, पूर्व सरपंच डॉ. नरेंद्र कुमार साहू, पार्षद प्रतिनिधी चंद्रहास निर्मलकर, वार्ड क्र. 60 के पार्षद श्रीमती सावित्री जयमोहन साहू पहुना के रूप म मंच म उपस्थित रिहिन।

मंच संचालक डॉ. चपेश्वर गिरी गोस्वमी के सियानी अउ वक्ता मंच रायपुर के जिला संयोजक शुभम साहू के सहयोग ले सबो पहुना मनके हाथ ले छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारा के संग दुष्यंत कुमार के कृति ‘चिरई खोंधरा’ के विमोचन करे करिस। पुस्तक विमोचन के मउका म कवि दुष्यंत कुमार बताइन के ये उंकर तीसरइया कृति आए, येकर अलावा ओमन के पहिली किताब 2017 म अउ 2019 दूसरइया किताब के प्रकाशन हो चुके हावय। दुष्यंत कुमार के ये नवा कृति के नाम ‘चिरई खोंधरा’ काबर परिस येमा अंजोर बगरावत ओमन किहिन के मनखे अउ चिरई के‍ जिनगी म का समानता हावय, दूनों अपन जीवन म कइसे संघर्ष करथे इही रचना के विशेषता हावय।

ये मउका म पूर्व विधायक नंदकुमार साहू जी अपन बिचार रखत किहिन के आज दुष्यंत भाई के तीसरइया कृति के विमोचन होवथे, संग म ओमन गांव म छत्तीसगढ़ महतारी के मूर्ति के स्थापना तको करे हावय अऊ आज उंकर जनमदिन तको हावय, उंनला बहुत-बहुत बधाई। माता-पिता अउ परिवार के सहयोग ल ओमन सरलग लिखते राहय इही शुभकामना हाबे। कार्यक्रम म आगू डॉ. मुक्ति बैस जी मन किहिन के दुष्यंत कुमार के रचना म मोरो मन के भाव शामिल हाबे। उंकर रचना ल पढ़े म अइसे लागथे मानो मोर मन के बात ह उंकर लेखनी ले कागज म उतरे हावय। 

कार्यक्रम म आगू छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि मीर अली मीर जी मन रचनाकार ल बधाई देवत अपन गीत के संग मया आसीस अउ बधाई दीस। ये मउका म दैनिक समाचार पत्र हरिभूमि के चौपाल के संपादक, कथाकार डॉ. दिनदयाल साहू जी मन किहिन के कवि अपन बात सहजता ले कहे हावय। ओमन जतके सरल अउ सहज हाबे उंकर रचना तको उही रकम ले हाबे। निश्छल-निर्मल, जेन देखे हे तेने ल लिखे हे, बिगर कोनो आडंबर के। दुष्यंत कुमार के लेखनी के अपन अलग अंदाज हाबे ओमन के विषयवस्तु मानव जीवन के बहुत करीब होथे। खेती-खार, मजदूर-किसान, गाय-गरूवा, चिरई चिरगुन उंकर विशेषता हाबे।

ये मउका म छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल भतपहरी जी मन अपन बिचार रखत किहिन के छत्तीसगढि़या मनखे बहुत सरल अउ सहज होथे। इहां के पशु पक्षी मन जइसे जीवन के कर्म करत हाबे उही रकम ल मनुष्य तको कमात-खावत मस्त हाबे। जीनगी के गाड़ी बस चलत हाबे, रोज कमाना अउ रोज खाना। इहां जोरे सकेले के परंपरा नइये। ओमन आगू किहिन के सिंधू घाटी सभ्यता के इतिहास आज भी जनमानस म परगट हो सकत हाबे। लेकिन जेन भाषा म ओला लिखे गे हावय ओ नंदागे, ओकर पढ़ईया नइये। इही सेती अबुझ होगे। लेकिन हमन अपन महतारी भाषा छत्तीसगढ़ संग अइसन नी होवन देवन, आठवीं अनुसूची म शमिल नइ होवय के बावजूद जबर लेखन होवथे।

इही रकम ले आगू शुभम साहू के मंच संचालन म जुरियाए कवि, गीतकार मन खातिर कवितापाठ के आयोजन करे गिस। जेमा कविमन अपन-अपन रचना के माध्यम ले दुष्यंत कुमार ल बधाई दिस। कार्यक्रम म विशेष रूप ले वरिष्ठ गीतकार रामेश्वर शर्मा, चेतन भारती, राजाराम रसिक, गोविंद धनगर, इंद्रदेव यदु, लोकनाथ साहू, खेमराज साहू, जितेन्द्र धुरंधर, हिमांचल साहू, हरिओम साहू, कुंदन साहू, प्रदीप साहू सहित पूरा साहू परिवार जुरियाए रिहिस।

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