अंजोर. रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 5 सितम्बर के शिक्षक दिवस के मउका म दुर्ग जिला म संत विनोबा भावे कृषि कॉलेज अउ अनुसंधान केंद्र, मर्रा (पाटन) के नवा बने भवनो के लोकर्पण करही। ये कॉलेज 11.76 करोड़ के लागत ले तइयार करे गे हावय। ए मउका म बघेल बृहद किसान सम्मेलन म तको सामिल होही। संग ही शिक्षक मन के सम्मानित करही। कार्यक्रम के अध्यक्षता कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू करही। वन अउ जलवायु बदलाव मंत्री अउ दुर्ग जिला के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर अउ स्कूल शिक्षा मंत्री रवीद्र चौबे खास पहुना के रूप म सामिल होही।
संत विनोबा भावे कृषि कॉलेज अउ अनुसंधान केंद्र, मर्रा (पाटन) के लगभग 87 एकड़ भूमि म बनाये गे हावय। इहां कृषि शिक्षा अउ अनुसंधान बर नवा कॉलेज भवन सबो शैक्षणिक सुविधावों ले सुसज्जित हावय। जेकर लागत लगभग 5 करोड़ 25 लाख रूपिया हावय। इहाँ म कृषि शिक्षा अउ अनुसंधान बुता बर स्मार्ट क्लास रूम, वाई-फाई अउ इंटरनेट सम्मुनत प्रयोगशाला, पुस्तकालय, खेलकूद, एन.एस.एस., पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति उक के सुविधाउपलब्ध हावयं। कृषि क्षेत्र म अनुसंधान बर 72 एकड़ म कृषि प्रक्षेत्र के विकास करे गे हावय, जिहां हाइ-टेक नर्सरी के बनाये करे गे हावय, जेकर लागत लगभग एक करोड़ रूपिया हावय।
महाविद्यालय परिसर म टिशू-कल्चर प्रयोगशाला के बनाये लगभग 2.50 करोड़ रूपिया के लागत ले करे गे हावय। इहां टिशू-कल्चर के माध्यम ले केला, गन्ना, बांस, गुलाब अउ आन पौधा तइयार करिन जाही। छत्तीसगढ़ मंडी बोर्ड के सहयोग ले बीजहा भंडार गृह इम्प्लीमेंट शेड अउ किसानप्रशिक्षण बर किसानविश्राम गृह के बनाये लगभग 2.37 करोड़ रूपिया म करे गे हावय, 200 मेट्रिक टन क्षमता वाला 3 खातु गोदामों के तको बनाये 32.93 लाख रूपिया के लागत ले करे गे हावयं।
कार्यक्रम म जिला पंचायत दुर्ग अशोक साहू, सदस्य खादी अउ ग्रामोद्योग बोर्ड कौशल चंद्राकार, अध्यक्ष कृषि उपज मंडी, दुर्ग अश्वनी साहू, कार्यक्रम म कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कुलपति इन्दिरा गांधी कृषि विश्ववविद्यालय रायपुर डॉ. गिरीश चंदेल, निदेशक, विस्तार सेवा डॉ. अजय वर्मा, निदेशक अनुसंधान सेवा डॉ. विवेक त्रिपाठी, कृषि कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. ओ. पी. परगनिहा बिसेस रूप ले उपस्थित रइही।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।