अंजोर.रायपुर। दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर अउ संस्कृति विभाग कोति ले आयोजित रंगमध्यदक्षिणी कार्यक्रम के दुसरइया दिन लोक अउ शास्त्रीय संगीत के गजब सुघ्घर प्रस्तुति देखे बर मिलिस। भारतीय शास्त्रीय संगीत म तबला के जुगलबंदी म भाई-बहिनी मन शानदार प्रस्तुति दीस। भिलाई के युवा तबला वादक रामचंद्र सर्पे अउ पूनम सर्पे मन आने आने बंदिस बजाइन। रामचंद्र सर्पे कई बड़का मंच म अपन कलाकार प्रस्तुति दे डारे हावय लेकिन ये पहिली पइत आए जब ओमन अब सग बहिनी पूनम संग तबला म जुगलबंदी करिस। ओमन बताइन के नागपुर जोन ल ओमन के जुगलबंदी के शुरूआत होइसे जेला कभु बिसारे नी जा सके।
कार्यक्रम के दूसर पांत म छत्तीसगढ़ी लोक गाथा गायन के बड़ जुन्ना विधा पंडवानी होइस। जेमा राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पंडवानी गायक दुष्यंत द्विवेदी ह कथा सुनाइस। पंडवानी म महाभारत के कथा ल आने-आने पर्व म बांटके प्रस्तुति दे जाथे। कार्यक्रम म दुष्यंत द्विवेदी ह द्रोपदी स्वयंबर के प्रसंग सुनाइस। पंडवानी गायक दुष्यंत द्विवेदी ह पंडवानी के पुरोधा झाडूराम देवांगन के पंरपरा ले आथे। ओमन झाडूराम देवागन के कृपा पात्र शिष्य चेतन देवांगन ले पंडवानी सीखे हावंय अउ देश सबो बड़का मंच म अपन प्रस्तुति दे डारे हावय। दुष्यंत द्विवेदी ल भारत सरकार के संगीत नाटक अकादमी डहर ले उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार ले सम्मानित करे जा चुके हावय। गुर शिष्य पंरपरा ले पंडवानी गायन के वेदमति शैली म विशेष दक्षता पाये हावे। लोक धुन म दोहा चौपाई संग छंदबद्ध प्रस्तुति ह उंकर गायकी के खास चिनहारी आए। द्रोपदी स्वयंवर के कथा ल लोगन म खूब पसंद करिस।
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