अंजोर.रायपुर। राजधानी के महंत घासीदास संग्रहालय सभागार म दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर डहर ले आयोजित नाट्य मंचन के मासिक कार्यक्रम ‘रंगमध्यदक्षिणी’ के तहत आज नाचा अउ सुगम गायन के प्रस्तुति होइस। नागपुर जोन के छत्तीसगढ़ प्रभारी हेमंत वैष्णव ह बताइन के एसो दू दिन के कार्यक्रम होही 23 अउ 24 सितंबर के, जेमा पहिली दिन सुरेश ठाकुर के सुगम गायन अउ छत्तीसगढ़ी मनमोहना नाचा पार्टी इंदामरा राजनादंगांव के प्रस्तुति होही। इही रकम ले दूसरइया दिन दुष्यंत कुमार द्विवेदी संगीत नाटक अकादमी ले उस्ताद बिस्मिल्लाह खॉं युवा पुरस्कार ले सम्मानित युवा पंडवानी गायक के प्रस्तुति होही संग म रामचंद्र सर्पे अउ पूनम सर्पे के तबला म जुगलबंदी देखे बर मिलही।
पहिली दिन के प्रस्तुति म सुरेश ठाकुर ह भगवान गणेश के वंदना के संग सुगम गायन के अदभूत समां बांधिस। तेकर पाछू छत्तीसगढ़ के बहुत ही फेमस नाचा पार्टी मनमोहना इंदामरा जिला राजनांदगांव के कलाकार मनके गम्मत के प्रस्तुति होइस। बड़ जुन्ना विधा ल बचाये अउ बगराये के उदीम करत हेमंत वैष्णव जी मन कोति ले सरलग नाचा-पेखन के आयोजन दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के छेवर म देखे बर राजधानीवासी मनला मिलथे। नाचा ल वइसे पूरा रात देखे म ही मजा आथे फेर ओमन ल कुछ ही घंटा के समय मिले रिहिस तेहू मा बेहतर प्रस्तुति होइस। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध नाचा पार्टी मनमोहना के कलाकार मन अपन अंदाज म नाचा के सबो नेंग छुटत- डांसर, जोक्कड़, नजरिया संग मिलगे भरपूर मनोरंजन करत आखिर म एक ठी प्रहसन देखाइस ‘भगवान बनके लुटबो’। नाचा के कलाकार मन ये प्रहसन म आज के समय म कइसे लोगन मन देवधामी ल तको व्यापार बनाके भोलाभाला जनता ल लूटे के काम करत हाबे, परगत देखे बर मिलिस। जइसे के ये नाचा विधा के ये खासियत होबे के ओमन अपन गम्मेत म बड़ सहज अउ सरल तरीका ले मनोरंजन के संग समाज ल जगाये के काम करथे। तइहा ले अब तक नाचा के सामाजिक जागरण म विशेष भूमिका रेहे हाबे। जेमा यहू कलाकार मन 16 आना बूता करिस।
कहानी- एक बाम्हन परिवार म चार झिन लड़का रिथे। चारो सजोर, सांगर-मोंगर फेर जांगर चोर, कोनो काम बुता नइ करें। एक दिन बड़े भाई ल बिहाव करे के सुझथे, फेर हाथ म एको पइस नी राहय। ओमन सबले पहिली तो पइसा कमाये के उदीम गुनथे। कोनो कथे चोरी करबो। कोनो कथे जुआं खेलबो। तब हब ले बड़े भइया ह पइसा कमाये के एक ठी तरीका बताथे कि- भगवान बनके लूटबो। चारो भाई सुनता होगे एक झिन ल महादेव बनाके तरीया पार म बइठार के भजन किर्तन करथे। तहां गांव के नारी मनके भीड़ जुरियाये लगगे। पूजा पाठ के बाद चढ़ावा चड़ाये के शुरू होगे। चारो मिलके माल समेटे लगिस। माईलोगिन मन पूजा करके मनौती मांगे अउ चढ़ावा कबुले। चारो भाई गजब गमन रिहिस, तभे उंकर भेद खुल जथे। नारी परानी मन गांव म सरपंच ल सरी बात ल बताथे। सरपंच संग अऊ गांव वाले मिलगे चारो भाई के बुता बनाथे, अऊ सबे लूटे गहना मनला मंगाथे। चारो भाई ल अपन करनी म पछतावा होथे अउ सरी समाज ले मांफी मांगथे।
संदेश- नाचा ह वर्तमान समय ऊपर जबर कटाक्ष करत समाज ल बताइस के आज भगवान के नाम तको लुट-खसोट अउ बैपारी चलत हाबे। बिगर जाने परखे काबरो बात म आके अपन गुहना-गुठा, रूपिया-पइसा ल नइ लुटाना चाहिए।
ये रकम ने दक्षिण मध्य सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के छत्तीसगढ़ प्रभारी हेमंत वैष्णव अउ संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग ले होए कार्यक्रम के सबो दर्शक मन बढ़ाई करत कलाकार मनके सोर गाइस। नाचा म पूरन यादव, भगवती साहू, केवल साहू, कुलेश्वर वर्मा, निर्भन यादव, कांता प्रसाद साहू, अश्विनी धनकर, बालकिशन कुमरेठी, लखन नेताम, मुकेश यादव पटेल के अभिनय काबिले तारीफ रिहिस। जइसे के नाचा म नाटक सहिक कोनो लिखित डायलाग नइ होवे बल्कि कलाकार ल स्वयं अपन विवेक ले संवाद रचके रोचक डंग ले कहानी ल आगू बढ़ाना होथे। जम्मो कलाकार मन संवाद म मजे हुये रिहिस। धारदार अउ हास्य के संग दर्शक मनके ल गुदगुदात रिहिस, ताली ले सभागार गुंज जाए।
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