अंजोर.ए। प्रसिद्ध फिलिम निर्माता अउ अभिनेता ऋषभ शेट्टी ह गोवा म 54 वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिलिम महोत्सव (आईएफएफआई) के मउका म मीडिया ले गोठबात करिस। ऋषभ शेट्टी फीचर फिलिम कंतारा के निर्देशक, अभिनेता अउ लेखक हावयं। ओमन जीवंत अउ गतिशील कन्नड़ फिलिम उद्योग के प्रतिनिधित्व करिन हावय। उंकर बड़का रूप ले परसिध फीचर कंतारा ह 54वां भारत अंतर्राष्ट्री य फिलिम महोत्सयव म प्रतिष्ठित स्वधर्ण मयूर पुरस्का़र के खातिर प्रतिस्पर्धा करे वाला 15 बेमिसाल फिलिम के ए साल के सूची म जगह बनाये वाला तीन भारतीय फिलिम म ले एक हावय।
कंतारा-
कंतारा 150 मिनट लंबा कन्नड़ फिलिम हावय, जेन पाछु साल रिलीज होए के बाद ले देखइया अउ आलोचक ल हतप्रभ कर दे हावय। ये फिलिम संस्कृति अउ लोककथा म आधारित हावय अउ देखइया के मंत्रमुग्ध कर देत हावय। कंतारा एक रकम ले जादू जगात हावय, काबर के ये नृत्य अउ भावना के जादुई माध्यम के जरिए ले मनुष्य अउ प्रकृति के बीच जटिल अउ गतिशील संघर्ष के चित्रित करत हावय।
शेट्टी ह कहिन- "दर्शक कंतारा ले जुड़े हावयं, काबर के ये भारत के संस्कृति म निहित कहानी हावय।" ओमन आगू कहिन’ "दर्शक ह फिलिम ल उहां तक पहुंचाइस जिहां ये आज हावय, वास्तव म एला अपन बना लिस हावय।" अपन मूल म प्रामाणिक, कंतारा ह पारंपरिक कोला नृत्य अउ एला करे वाला समुदाय के नवा अभिव्यक्ति दीस। ऋषभ ह किहिन के वो ह अपन फिलिम के रिलीज के लंबा समय बाद तको सरलग समुदाय के संपर्क म हावयं। ओमन कहा, “मैं ए परंपरा ले जुड़ा हावं, मैं ए अनुष्ठान म विश्वास करत हावं अउ ए भगवान के पूजा करत हावं। हमन ए बात के धियान रखे के हम कोनो के भावना के ठेस न पहुंचिस अउ ये सुनिश्चित करिन के संस्कृति या समुदाय के कोनो नुकसान न हो।”
कंतारा के सफलता के श्रेय आस्थाक के देत होइस शेट्टी ह किहिन के मनखे के खुद म अउ अपन काम म विश्वास करे चाही, तभेच कोनो वास्तव म अच्छा काम कर सकत हावय। ओमन ये तको किहिन के मनखे के सिरिफ काम के खातिर प्रयास करे चाही, न के सफलता के पीछा करना चाही।
कन्नड़ सिनेमा म प्रकाश डारत ऋषभ शेट्टी ह ओटीटी चुनौती के बारे म बात कहिन, जिहां प्लेटफॉर्म अभी तको कन्नड़ देखइया के लेके संशय म हावयं अउ अभी तक कन्नड़ फिलिम के स्वाकगत करे के खातिर मन ले तइयार नइ हावयं। येकर ले उद्योग के गंभीर नुकसान होवत हाबे। ओमन जादा प्रदर्शन अउ पहुंच के अपील करिस। शेट्टी ह कहा, "सिनेमा ह हमन ल बहुत कुछ दे हावय, हमन ल कन्नड़ सिनेमा के वापस चुकाना चाही।" उंकर दृढ़ विश्वास हावय के आज भारतीय सिनेमा के सामान वास्तव म वैश्विक हो गे हावय। शेट्टी ह कहा, "वर्तमान में, एक क्रांति चल रेहे हावय-भाषा के बाधा मनके पार करत अच्छा कंटेंट के बड़का रूप ले स्वीकार करे जाथे।"
भारत अंतर्राष्ट्रींय फिलिम महोत्साव (आईएफएफआई) के संग अपन जुड़ाव के बारे म ऋषभ शेट्टी ह उल्लेख करिन के ये फिलिम महोत्सव म उंकर दूसरी भागीदारी हावय। ओमन किहिन के फिलिम महोत्सव फिलिम देखे अउ सीखे के एक ठऊर हावय। आईएफएफआई जइसे परब ओला लगभग एक विस्तारित परिवार के रकम ले लगते हावयं। ओमन फिलिम महोत्सव के बढ़ई के अउ अपील के के छोटे फिलिम के पहचान देवाये के खातिर ये मंच मन के उपयोग करे जाना चाही।
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