54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिलिम महोत्सव म तुर्की फिलिम 'सीलिन' के वर्ल्ड प्रीमियर होइस
अंजोर.ए। तुर्की फिलिम सीलिन के निर्देशक तुफान सिम्सेक्कन ह कहिन- "ए फिलिम के बनाये के प्रेरणा ग्रामीण तुर्की म किशोरी मनके खराब स्थिति ले मिले हावय, जिहां ओला खेत म काम करे अउ कम उमर म बिहाव करे के खातिर मजबूर करे जाथे।" 54वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिलिम महोत्सव म फिलिम के वर्ल्ड प्रीमियर होइस, जिहां एला सिनेमा ऑफ द वर्ल्ड श्रेणी के तहत प्रदर्शित करे जात हावय।
पत्र सूचना कार्यालय डहर ले आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन म मीडिया ले गोठबात करत, सिम्सेक्कन ह कहिन- “बाल श्रम अउ बाल बिहाव जइसे प्रथा के सेती ग्रामीण तुर्की म महिला मन के जिनगी के दिन कम होवत हाबे। मैं वैश्विक मंच म ये मुद्दा के समाधान करे चाहत हावं काबर के ये दुनिया के आन हिस्सा ले तको जुड़ा हावय।”
फिल्म बनाये के बखत आने वाला चुनौती म एक सवाल के जवाब देत सिम्सेक्कन ह किहिन के फिलिम के वास्तविक सार के आगू लाने के खातिर फिलिम म अभिनेता अउ पात्र के कल्पना के हिस्सा के रूप म उपयोग करे उंकर खातिर एक दिलचस्प प्रक्रिया रिहिस। ओमन कहा, “मैं हंगेरियन निर्देशकों अउ लइका के संग काम करे के प्रति उंकर दृष्टिकोण ले आश्चर्यचकित हावं। ए फिलिम के बनाये म येकर ले बहुत बड़का प्रेरणा मिले हावय।''
सिम्सेक्कन ह विस्तार ले गोठबात करत होइस किहिन के तुर्की लोक संगीत ए फिलिम के एक अनिवार्य घटक हावय अउ देखइया के तुर्की संस्कृति के झलक देत हावय।
निर्माता, मेहमत सारिका ह किहिन के फिलिम तुर्की के कई ग्रामीण हिस्सा म लड़की मनके गंभीर शोषण ले आरो करात हावय अउ लैंगिक समानता के अवधारणा ले निपटत हावय। ओमन कहिन- “फिल्म बनाये के प्रक्रिया के बखत हमन ल लैंगिक समानता के बारे म जागरूकता फैलाने के खातिर गैर-सरकारी संगठन मन के संग कई कार्यक्रम म काम करे के मउका मिले। ए फिलिम के जरिए हम एक वैश्विक मंच तक पहुंचे के कोशिश करके रिहिन हावयं।”
फिल्म सीलिन इही नाम के चौदह वर्षीया नायिका म आधारित हावय, जेन एक टेंट सिटी म रेहे वाला मौसमी कृषि मजदूर हावय। ओकर एकमात्र सपना स्कूल जाना हावय, हालांकि वो ह जानती हावय के ये असंभव हावय। बिल्गे नाम के एक वृत्तचित्र फिलिम निर्माता टेंट सिटी म आथे अउ ये एक परिवर्तनकारी घटना के अनुसरण करत हावय जेन सीलिन अउ पूरा समुदाय के प्रभावित करत हावय।
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