अंजोर.ए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह उत्तर प्रदेस के अयोध्या म नवा बने राम जन्मभूमि मंदिर म राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह म भाग लिस। मोदी ह राम जन्मभूमि मंदिर (Ram Janmabhoomi Temple) के बनाये म योगदान दे वाला श्रमजीवी ले गोठबात करिस।
एकत्र जनसमूह ल संबोधित करत प्रधानमंत्री ह किहिन के सदियों बाद आखिरकार हमर राम आगे हावयं। प्रधानमंत्री मोदी ह ए मउका म नागरिक के बधाई देत कहिन के, "सदियों के धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग अउ तपस्या के बाद, हमर भगवान राम इहां हावयं।" प्रधानमंत्री ह किहिन के 'गर्भ गृह' (inner sanctum) के अंदर ईश्वरीय चेतना के अनुभव शब्द म नइ करे जा सकत हाबे अउ उंकर शरीर ऊर्जा ले स्पंदित हावय अउ मन प्राण प्रतिष्ठा के क्षण के खातिर समर्पित हावय। “हमर राम लला अब तंबू म नइ रइही। ये दिव्य मंदिर अब उंकर घर होही”, प्रधानमंत्री ह विश्वास अउ श्रद्धा व्यक्त करत किहिन के आज के घटना मन के देश अउ दुनिया भर के राम भगत डहर ले अनुभव करे जा सकत हाबे। मोदी ह कहिन के, "ये क्षण अलौकिक अउ पवित्र हावय, वातावरण, पर्यावरण अउ ऊर्जा हम म भगवान राम के आशीर्वाद के चिन्हारी हावय।"
Architecture and construction style of the temple built at Shri Ram Janmabhoomi श्री राम जन्मभूमि के बनी मंदिर की वास्तुकला और निर्माण शैली
भव्य राम जन्मभूमि मंदिर के बनाये पारंपरिक नागर शैली म करे गे हावय। येकर लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट हावय; चौड़ाई 250 फीट अउ ऊंचाई 161 फीट हावय; अउ ये कुल 392 स्तंभ अउ 44 दरवाज डहर ले समर्थित हावय। मंदिर के स्तंभ अउ दीवार म हिंदू देवी-देवता के मूरति मन के गूढ़ चित्रण हावय। भूतल म मुख्य गर्भगृह म भगवान राम के नानपन के स्वरूप रखे गे हावय।
मंदिर के मुख्य प्रवेश दुवार पूर्वी दिशा म हावय, जहाँ सिंह दुवार के माध्यम ले 32 सीढ़ी चढ़के पहुंचे जा सकत हावय। मंदिर म कुल पाँच मंडप हावयं - नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप अउ कीर्तन मंडप। मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआँ हावय, जेन जुन्ना काल के हावय। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के जुन्ना मंदिर के जीर्णोद्धार करे गे हावय, संग ही जटायु के एक मूरति तको स्थापित करे गे हावय।
मंदिर के नेव के बनाये रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट के 14 मीटर मोटी परत ले करे गे हावय, जेन एला कृत्रिम चट्टान के रूप देत हावय। मंदिर म कहूं भी लोहा के प्रयोग नइ करे गे हावय। जमीन के नमी ले सुरक्षा के खातिर ग्रेनाइट के उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरा ल बनाये गे हावय। मंदिर परिसर म एक सीवेज इलाज संयंत्र, जल इलाज संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के खातिर जल आपूर्ति अउ एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन हावय। मंदिर ल बनाये म देश के पारंपरिक अउ स्वदेशी तकनीक ले करे गे हावय।
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