Ram Mandir Consecration छत्तीसगढ़ के जैजैपुर रामनामी मेला के मुहूर्त म होवथे अयोध्या म रामलला के प्राण प्रतिष्ठा

अंजोर
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Auspicious time for consecration of Ayodhya Ramlala


  • An important information regarding the life consecration of Ramlala in Ayodhya श्रीराम के भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
  • छत्तीसगढ़ के जैजैपुर रामनामी मेला के मुहूर्त म होवथे अयोध्या म रामलला के प्राण प्रतिष्ठा

अंजोर.ए। अयोध्या (Ayodhya Ram Temple) रामलला के प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी के होवइया हाबे। अयोध्या नगरी के संगे संग देस भर म येकर जबर तइयारी होवत हाबे। लोगन के कहना हाबे के फेर एक पइत देवारी मनाबोन। अयोध्या रामलला के प्राण प्रतिष्ठा ल साधू संत मनके उत्साह तको देखे लइक हाबे। हालांकि प्रोटोकाल के सेती अयोध्या म 22 जनवरी के जादा मनखे नइ रही, सिरिफ नेवाए सगा मन ही उहां रही। आन मन टीवी के माध्यम ले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा ल लाइव देखही। इही ओढ़र म दूसर कोति देखे जाए तव दुनिया म छत्तीसगढ़ के रामनामी समाज के अपन अलगेच महत्ता हाबे। 

रामनामी मन अपन तन म तको राम के नाम गोदना गोदाये रिथे। अपन सरी जीवन ल राम ल सौप दे रिथे। अउ संयोग के बात ए आए के जेन लगन म अयोध्या रामलला के प्राण प्रतिष्ठा होवथे इही लगन म छत्तीसगढ़ के सक्ती जिला म जैजैपुर म जबर रामनामी मेला के आयोजन करे जाथे। ये आज ले नही पाछू सौकड़ों बछर ले ये आयोजन चले आवथे।


रामनामी ह अयोध्या म राम मंदिर बने ले अउ रामलला के प्राण प्रतिष्ठा ले बहुत खुश हावय। ओमन किहिन के 150 साल पहिली हमर पुरखा मन ह बता दे रिहिस के अयोध्या म श्रीराम मंदिर म प्राणप्रतिष्ठा शुक्ल पक्ष एकादशी ले त्रयोदशी के बीच होही। 22 जनवरी के रामलला के परान प्रतिष्ठा अयोध्या म होत हावय। उंकर तिथि हमर पुरखा मन ह पहिली ही बता दे रिहिस। 

हमर मेला तको इही तिथि म भराथे अउ अद्भुत संयोग हावय के श्रीराम के बड़का मंदिर म रामलला के प्राण प्रतिष्ठा ए समय होत हावय। पता नइ का हावय ए तारीख म जेन पंडित बताये रिहिन हावयं उहे हमर पुरखा मन ह तको बताये रिहिस। ये राम ही बताही। ये बात सक्ती जिला के जैजैपुर म चल रिहिन रामनामी मेला म आये गुलाराम रामनामी ह बताईस। गुलाराम अउ उंकर संगी बतावत हावयं के पुरखा मन के केहे बात पूरा होए ले हम लोगन बहुत खुश हावयं।

Ramnami Mela going on in Jaijaipur of Sakti district


रामनामी मेला के बारे म बतावत खम्हरिया ले आये मनहरण रामनामी ह बताइन के हर साल इही तिथि म मेला के आयोजन होवत हावय। एक साल महानदी के ए पार अउ एक बार महानदी के वो पार। मनहरण ह बताइन के 150 साल पहिली ले हमन भजन गात आये हावन। पहिली छोटे भजन गात रिहिस 15 साल ले बड़े भजन के सुरू होइस। सरस केरा ले आये सेजबना ह बताइन के मैं नानपन ले भजन गात हवं। 7 साल ले राम नाम गोदवाया हावय। मोर माता-पिता तको भजन गात रिहिस। ये चौथी पीढ़ी हावय जेन भजन गात हावय। राम नाम के महिमा अपरंपार हावय। जेन परिसर म ये सब भजन गात हावयं। वो परिसर म तको ओमन राम नाम लिखवा लिस हावय। अपन घर म राम के नाम लिखा हावय। कपड़ा म राम के नाम लिखा हावय। रामनामी राम के नाम के उपासक हावयं। रामनामी ह किहिन के कोनो भी रूप म राम ल भजो, चाहे गेरुवा पहन करके भजो, चाहे मुंडन कराओ फेर भेदभाव नी करो। छलकपट नी करो। इही उंकर संदेश हावय।

मेला परिसर के तीन किमी के दायरे म मांस-मदिरा नहीं- गुलाराम बतावत हावयं के मेला परिसर के तीन किमी के दायरे म माँस-मदिरा निषेध हावय। जइसे लोगन मंदिर म जूता छोड़के जात हावयं। वैसा ही हम मानत हावन के हमर हिरदे म राम के वास हावय। हमन शरीर के हर अंग म राम के नाम लिखा हावय त हमन ये संकल्प ले हावय के हम अपन शरीर के दूषित नइ कर सकन। इही सेती माँस-मदिरा ले परहेज करत हावयं। येकर संग ही हम छल-कपट ले तको दूरिहा रिथें। गुलाराम कहत हावयं के राम सबो जाति धर्म ले परे सबके हावयं। राम के भजै सो राम के होई- जैजेपुर म भजन जारी हावय। रामनामी मनहरण गात हावयं। जेन राम के भजै सो राम के होई। जब ओला सुनत हवं त भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी के भजन सुरता आथे जेन भजे हरि को, सोही परम पद पाही। रामनामी अपन हर बात म मानस के कोनो दोहा या कबीर के कोनो दोहा गात हावयं। ओमन बताइन के हमन सब कुछ अपन राम ल समर्पित कर दे हावन।

Ram Vanagaman Marg in Chhattisgarh

राम वनगमन पथ : छत्तीसगढ़ म इहां ले गुजरे रिहिस श्रीराम...

छत्तीसगढ़ म तको राम वनगमन पथ के काम सुरू होगे हावय। छत्तीसगढ़ के भगवान राम ले करीब के नाता हावय। महतारी कौशल्या खुद छत्तीसगढ़ के राजकुमारी रिहिस, उहें भगवान राम ह तको अपन वनवास के बखत छत्तीसगढ़ म बेरा गुजारे हाबे। छ्त्तीसगढ़ म पौराणिक, धार्मिक अउ ऐतिहासिक मान्यता के आधार कई अइसे ठऊर हावय जेला भगवान राम ले जोड़के देखे जाथे। रामवनगमन पथ म ये सबो ठऊर मनला सरकार जोड़े के उदीम करत हावय।

रामायण म केहे जा‍थे के भगवान राम ह वनवास के बेरा दंडकारण्य म समय बिताये रिहिस। छत्तीसगढ़ के बड़का हिस्सा ही तइहा बखत के दंडकारण्य माने जाथे। अब वो ठउर ल नवा सुविधा के संग विकसित करे जात हावय, जेला लेके ये दावा करे जाथे के वनवास के बेरा भगवान इहें रिहिन।

राम वन गमन पथ-

कोरिया जिला ले सुकमा तक बनत राम वन गमन पथ म लोगन के कदम-कदम म भगवान श्रीराम के दरसन होही। राम वन गमन पथ के कुल लम्बाई लगभग 2260 किलोमीटर हावय। ये रद्दा म जगह-जगह साइन बोर्ड, श्रीराम के वनवास ले जुरे कथा मन देखे अउ सुने ल मिलही। ये रद्दा म कई रकम के पेड़ लगाए जात हावयं। ये पेड़ ले वइसनेच लागही जइसे भगवान राम के वन वास के बेरा के लेके सुरता लोगन के मन म हावयं।

पहिली चरण म उत्तर छत्तीसगढ़ के कोरिया जिला ले लेके दक्षिण के सुकमा जिला तक 9 ठऊर मन के सौंदर्यीकरण अउ विकास करे जात हावय। ये सबो ठऊर  पहिली ही प्राकृतिक दृश्य ले भरपूर हावयं। वृक्षारोपण के जरिए अब एमन ल अउ हरा-भरा करे जात हावय। राम वन गमन के रद्दा के दुनों किनारा  म पीपल, बरगद, आम, हर्रा, बेहड़ा, जामुन, अर्जुन, खम्हार, आंवला, शिशु, करंज, नीम उक के पौधा लगही। 

राम वन गमन पथ के पहिली चरण के खातिर नौ ठऊर चिह्नित करे गे हावयं। एमे सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरी नारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-साऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) अउ रामाराम (सुकमा) सामिल हावयं। एमे ले चंद्रपुरी रायपुर म बुता सुरू हो चुके हावय, जिहां लगभग 30 परतिसत ले जादा बुता पूरा हो चुके हावयं। उहें शिवरीनारायण के संग राजिम अउ तुरतुरिया म तको काम जारी हावय।

Visit Ram Van Gaman Path in Chhattisgarh State -

  • Sitamarhi-Harchauka (Korea), Ramgarh (Ambikapur), Shivri Narayan (Janjgir-Champa), Turturia (Balodabazar), Chandkhuri (Raipur), Rajim (Gariaband), Sihawa-Sarishi Ashram (Dhamtari), Jagdalpur (Bastar) and Ramaram ( Sukma) 

Sita Rasoi in Koriya District कोरिया जिला म सीता के रसोई-

कोरिया जिला म हावय राम के वनवास काल के पहिली पड़ाव। नदी के किनारे म गुफा म 17 कक्ष हावयं। एला सीता के रसोई के नाम ले तको जाये जाथे।

Ramgarh hill in Surguja district रामगढ़ के पहाड़ी-

सरगुजा जिला म रामगढ़ के पहाड़ी म तीन कक्षा वाला सीताबेंगरा गुफा हावय। देश के सबले जुन्ना नाट्यशाला किहिन जाथे। केहे जाथे  वनवास काल म राम इहां पहुंचे रिहिस, ये सीता के कमरा रिहिस। कालीदास ह मेघदूतम के रचना इहें करे रिहिस।

Janjgir Champa District Shivrinarayan शिवरीनारायण-

जांजगीर चांपा जिला के ए ठऊर  म रुककर भगवान राम ह शबरी के जूठे बेर खाए रिहिस। इहां जोक, महानदी अउ शिवनाथ नदी के संगम हावय। इहां नर-नारायण अउ शबरी के मंदिर तको हावय। मंदिर के पास एक अइसे वट पेड़ हावय, जेकर दोना के आकार म पत्ता हावयं।

Balodabazar Bhatapara District तुरतुरिया-

बलौदाबाजार भाटापारा जिला के ए ठऊर  के लेके जनश्रुति हावय के महर्षि वाल्मीकि के आश्रम इहें रिहिस। तुरतुरिया ही लव-कुश के जनम ठउर रिहिस। बलभद्री नाला के पानी चट्टान के बीच ले निकले हावय, इही सेती तुरतुर के ध्वनि निकलती हावय, जेकर ले तुरतुरिया नाम परे हावय।

Raipur district चंदखुरी-

रायपुर जिला के 126 तरिया वाला ए गांव म जलसेन तरिया के बीच म भगवान राम के महतारी कौशल्या के मंदिर हावय। कौशल्या महतारी के दुनिया म ये एकमात्र मंदिर हावय। चंदखुरी ल महतारी कौशल्या के जनम ठउर केहे जाथे, इही सेती ये राम के ननिहाल कहलात हावय।

Gariaband district राजिम-

गरियाबंद जिला के राजिम ल छत्तीसगढ़ के प्रयाग केहे जाथे, जिहां सोंढुर, पैरी अउ महानदी के संगम हावय। केहे जाथे  के वनवास काल म राम ह ए ठऊर  म अपन कुलदेवता महादेव के पूजा करे रिहिस, इही सेती इहां कुलेश्वर महाराज के मंदिर हावय। इहां पंदरा दिन के जबर मेला तको लगथे।

Dhamtari District सिहावा-

धमतरी जिला के सिहावा के पहाड़ी म मुचकुंद आश्रम, अगस्त्य आश्रम, अंगिरा आश्रम, श्रृंगि ऋषि, कंकर ऋषि आश्रम, शरभंग ऋषि आश्रम अउ गौतम ऋषि आश्रम उक ऋषि मनके आश्रम हावय। राम ह दण्डकारण्य के आश्रम म ऋषि मनले भेंट करके कुछ समय व्यतीत करे रिहिस।

Bastar district जगदलपुर-

बस्तर जिला के ये मुख्यालय हावय। चारों तनि वन ले घिरे हावय। ये केहे जाथे  के वनवास काल म राम जगदलपुर क्षेत्र ले गुजरे रिहिस, काबर के इहां ले चित्रकोट के रद्दा जाथे। जगदलपुर के पाण्डु के वंशज काकतिया राजा ह अपन आखरी राजधानी बनाये रिहिस।

75 places related to Ram's exile period in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ म राम के वनवास काल ले संबंधित 75 ठऊर मन ल चिन्हित करे गे हावय- 

  • Korea कोरिया - सीतामढ़ी घाघरा, कोटाडोल, सीमामढ़ी छतौड़ा (सिद्ध बाबा आश्रम), देवसील, रामगढ़ (सोनहट), अमृतधारा
  • Surguja सरगुजा- देवगढ़, महेशपुर, बंदरकोट (अंबिकापुर ले दरिमा मार्ग), मैनपाट, मंगरेलगढ़, पम्पापुर
  • Jashpur जशपुर- किलकिला (बिलद्वार गुफा), सारासोर, रकसगण्डा,
  • Janjgir Champa जांजगीर चांपा-चंद्रपुर, खरौद, जांजगीर
  • Bilaspur बिलासपुर- मल्हार
  • Balodabazar Bhatapara बलौदाबाजार भाटापारा- धमनी, पलारी, नारायणपुर (कसडोल)
  • Mahasamund महासमुंद- सिरपुर
  • Raipur रायपुर- चंदखुरी, आरंग, चंपारण्य
  • Gariaband गरियाबंद- फिंगेश्वर
  • Dhamtari धमतरी- मधुबन (राकाडीह), अतरमरा (अतरपुर), सीतानदी
  • kanker कांकेर- कांकेर (कंक ऋषि आश्रम)
  • Kondagaon कोंडागांव- गढ़धनोरा (केशकाल), जटायुशीला (फरसगांव)
  • Narayanpur नारायणपुर- नारायणपुर (रक्सा डोंगरी), छोटे डोंगर
  • Dantewada दंतेवाड़ा- बारसूर, दंतेवाड़ा, गीदम
  • Bastar बस्तर- चित्रकोट, नारायणपाल, तीरथगढ़
  • sukma सुकमा- रामाराम, इंजरम, कोंटा

जानबा होवय के छत्तीसगढ़ म राम के वनवास काल ले संबंधित 75 ठऊर मन के चिन्हित करके ओला नवा  पर्यटन सर्किट के रुप म आपस म जोड़े हावय।

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सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।

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