जशपुर जिला के ‘बिरहोर के भाई’ जागेश्वर यादव ल मिलही पद्मश्री, पढ़व हेमचंद मांझी के जीवनी

अंजोर
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Biography of Jageshwar Yadav who served Birhor tribe


  • When Jageshwar Yadav was 21 years old, he saw the plight of the people of Birhor tribe and resolved to serve them.
  • This public leader and service-oriented worker Jageshwar Yadav, who serves the Birhor tribe and comes from a backward class


अंजोर.ए। राष्ट्रपति के दत्तक बेटा माने जाये वाला बिसेस पिछड़ी जनजाति के बिरहोर कुछ साल पहिली तक अतका संकोची रिहिस के जूता-चप्पल पहने कोनो ल आज देखके भाग जात रिहिस। ओला विकास के मुख्यधारा म सामिल करे बर जागेश्वर यादव ह जिनगी भर जूता-चप्पल नइ पहने के संकल्प करिन ताकि वो मिले ले सकुचाये नहीं। धीरे-धीरे वो बड़ा बदलाव लाने म कामयाब होइस अउ अभी बिरहोर मनके पहिली पीढ़ी शिक्षित होगे हावय। वो सरकारी योजना मन के फायदा ले आगू बढ़ रिहिन हावयं। जब जागेश्वर यादव 21 साल के रिहिस तब ओमन बिरहोर जनजाति के लोगन के दुर्दशा देखिस अउ उंकर सेवा के संकल्प लिस। आज चार दशक हो गे हावयं अउ उंकर सेवा बुता अनवरत जारी हावय।
 
संकल्पित भाव ले बिरहोर जनजाति के सेवा करे वाला अउ पिछड़ा वर्ग ले आने वाला ए जननायक अउ सेवाभावी कार्यकर्ता पद्मश्री ले सम्मानित करे जाये के केंद्र सरकार ह फइसला लिस। बिरहोर मन जागेश्वर यादव ल अपन मसीहा मानत हावयं। जब जागेश्वर यादव ह गेलौली करिन त सब तइयार हो गये, ये उंकर बिरहोर मनके बीच गहरी पैठ के परमान हावय।

जानबा होवय के जागेश्वर यादव के प्रयास ले न सिरिफ बिरहोर लोगन शिक्षा ले जुड़े हावयं। ओमन खेती तको करे सुरू करके दे हावय। जेन बिरहोर भिक्षावृत्ति ले जुड़े रिहिस वो आज धान बेचत हावयं। बिरहोर मनके खातिर जागेश्वर यादव ह धरमजयगढ़ म आश्रम तको सुरू करिन हावय। ओला पद्मश्री मिले म बिरहोर मन म तको काफी खुसी के माहौल हावय।

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