अंजोर.रायपुर, 04 जनवरी। देश के 28 राज्य के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ के झांकी "बस्तर के आदिम जनसंसद : मुरिया दरबार" के ए साल नवा दिल्ली म होवइया गणतंत्र-दिवस परेड के खातिर चयनित कर लिस हावय। नई-दिल्ली के कर्तव्यपथ म होवइया परेड के खातिर 28 म ले 16 राज्य के चयन करे गे हावय। झांकी के अनूठा विषय अउ डिजाइन रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति ल रिझाने म कामयाब रिहिन। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ह राज्य के मिले ए जरूरी सफलता म बधाई दीस हावय, ओमन एला प्रदेस के खातिर एक बड़का मउका बताइन हावय।
छत्तीसगढ़ के झांकी भारत सरकार के थीम 'भारत लोकतंत्र के जननी' म आधारित हावय। ये झांकी जनजाति समाज म आदि-काल ले उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना अउ परंपरा के दर्शाती हावय, जेन आजादी के 75 साल बाद तको राज्य के बस्तर संभाग म जीवंत अउ प्रचलित हावय। ए झांकी म केंद्रीय विषय "आदिम जन-संसद" के ले जगदलपुर के मुरिया दरबार अउ उंकर उद्गम-सूत्र लिमऊ-राजा के दर्शाये गे हावय। मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे के एक परंपरा हावय, जेन 600 साल ले चले आत हावय। ए परंपरा के उद्गम के सूत्र कोंडागांव जिला के बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा नामक ठऊर म मिलत हावयं। ए ठऊर ले जुड़े लोककथा के मुताबिक आदिम-काल म जब कोनो राजा नइ रिहिस, तब आदिम-समाज एक नीबू के राजा के चिन्हारी मानके आपस म ही फइसला ले लेत रिहिस।
झांकी के थीम अउ डिजाइन स्थानीय स्तर म जबर अन्वेषण अउ वरिष्ठ अधिकारी मनके मार्गदर्शन म तइयार करे गिस। ए विषय जिनिस म आधारित झांकी के पांच चरण के कठिन प्रक्रिया के बाद आखरी मंजूरी मिले हावय। रक्षा मंत्रालय के विशेषज्ञ समिति के आगू थीम अउ डिजाइन के चयन के बाद झांकी के थ्रीडी मॉडल प्रस्तुत करे गिस। अंत म संगीत चयन के संग ही झांकी के आखरी मंजूरी मिल गे। झांकी के थीम अउ डिजाइन ह चयनकर्ताओं के खासा आकर्षित करिन।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।