अंजोर.रायपुर, 14 जनवरी। तातापानी के धरती बहुत पवित्र धरती हावय। ये धरती रामकथा ले जुरे हावय। तातापानी महोत्सव के सुरू हमर सरकार ह ही करिस। येकर बाद हर साल ये महोत्सव बड़का रूप लेता जात हावय। तातापानी के पर्यटन जगह के रूप म मैं घोसित करत हावं। इहां पर्यटन विभाग के मोटल सुरू करही। तातापानी क्षेत्र के विकास के खातिर आने वाला समय म मास्टर प्लान तको तइयार करिन जाही। तातापानी महोत्सव म सामिल होए जिला बलरामपुर-रामानुजगंज पहुंचिस मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ह ये बात कहिन।
मुख्यमंत्री ह ए मउका म रघुनाथनगर म कॉलेज के घोसना के संग ही डीपाडीह कला म नवा पुलिस चौकी के घोसना तको करिस। अपन संबोधन म मुख्यमंत्री ह सरगुजा संभाग के जनता के मकर संक्रांति के बधाई के संग ही ओला धन्यवाद देत होइस किहिन के सरगुजा के जनता ह मोदी जी के गारंटी म भरोसा करिन। हम तुँहर भरोसे म खरा उतरही। मुख्यमंत्री ह किहिन के पाछु पांच साल म छत्तीसगढ़ के जेन विश्वास रूक गे रिहिस, वो अब तेजी ले होही। डबल इंजन के सरकार म विकास बुता के बहुत तेज गति मिलही। मुख्यमंत्री ह किहिन के तातापानी के संबंध महतारी सीता ले हावय। ये बहुत पवित्र जगह हावय। ये हम लोगन के खातिर बहुत खुसी के बात हावय के 22 जनवरी के अयोध्या म बड़का राम मंदिर म रामलला के परान प्रतिष्ठा होही। हमन ल ए जरूरी आयोजन के देखत होइस पूरा माहौल राममय करके देना हावय। हर जगह भजन-कीर्तन उक माध्य ले पूरा माहौल भक्तिमय करे हावय।
ए मउका म संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ह किहिन के तातापानी म भगवान राम-सीता जी के पवित्र चरण पड़े। हमर सौभाग्य हावय के हमन ही 2012 म तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के समय म तातापानी महोत्सव के सुरू के रिहिस। हमर आस्था के केन्द्र के विकास के काम मोदी जी के अगुवई म होवत हाबे। प्रभु राम 22 तारीख के आ रिहिन हावयं। उंकर आगमन के बड़का तइयारी करना हावय। तातापानी के राम कथा ले संबंधित महात्म्य के बारे म अउ इहां के जल के बारे म बतावत होइस अग्रवाल ह किहिन के अइसे पवित्र जगह म 400 जोड़ा वैवाहिक बंधन म बंध रिहिन हावयं ओला तको मैं सुभकामना देत हावं। ए मउका म कृषि मंत्री रामविचार नेताम ह तको उपस्थितजनों के संबोधित करिन। ओमन किहिन के तातापानी के पर्यटन जगह के रूप म ए रकम ले ले विकास करे हावय के पूरा देश के नक्शा म येकर नाम आ जाये। ओमन येकर विकास के संक्षिप्त रूपरेखा तको बताई।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।