- Launch of Digital Supreme Court Report, Digital Court 2.0 and new website of Supreme Court
- Access to justice is the right of every Indian citizen and the Supreme Court of India is its medium
- Rs 7000 crore disbursed after 2014 for physical infrastructure of courts in the country
- Rs 800 crore sanctioned last week for expansion of Supreme Court complex
- The third phase of the e-Court Mission project will have four times more funds than the second phase.
- The transition from old laws to new laws should be seamless
- Padma award to Justice Fatima Beevi is a matter of pride for us
अंजोर.ए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह दिल्ली के सर्वोच्च न्यायालय सभागार म सर्वोच्चर न्यायालय के हीरक जयंती समारोह के उद्घाटन करिन। ओमन नागरिक-केंद्रित सूचना अउ प्रौद्योगिकी पहल के तको सुरू करिन, जेमा डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (डिजी एससीआर), डिजिटल कोर्ट 2.0 अउ सर्वोच्चप न्यासयालय के एक नवा वेबसाइट सामिल हावय।
सभा ल संबोधित करत प्रधानमंत्री ह सबो ल सुभकामना दीस अउ सर्वोच्च) न्यायालय के 75वें साल के पदार्पण के मउका म उपस्थित रेहे के खातिर आभार व्यक्त करिन। ओमन दू दिन पहिली भारत के संविधान के 75वें साल म प्रवेश के तको उल्लेख करिन।
प्रधानमंत्री ह किहिन के भारतीय संविधान निर्माता ह स्वतंत्रता, समानता अउ न्याय म आधारित स्वतंत्र भारत के स्व प्नं देखे रिहिस। उच्चतम न्यायालय ह ये सिद्धांत के संरक्षण के सरलग प्रयास करिन हावय। प्रधानमंत्री ह कहिन ''चाहे अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता हो, व्यक्तिगत स्वतंत्रता हो या सामाजिक न्याय हो, सुप्रीम कोर्ट ह भारत के जीवंत लोकतंत्र के सशक्त् करिन हावय।'' प्रधानमंत्री ह व्यक्तिगत अधिकार अउ अभिव्यक्ति के स्वतंत्रता म जरूरी फैसला के उल्लेख करिन, जेन मन देश के सामाजिक-राजनीतिक माहौल के एक नवा दिशा दीस हावय।
प्रधानमंत्री नरेन्द्रा मोदी ह सरकार के सबोच शाखा के खातिर अगले 25 साल के लक्ष्य के मापदंड ल दोहराइस अउ किहिन के आज के आर्थिक नीति भविष्यब के जीवंत भारत के आधार बनही। प्रधानमंत्री ह कहा, ''आज जेन कानून बनाए जा रिहिन हावयं, वो भारत के उज्ज्वल भविष्य के सुदृढ़ करही।
वैश्विक भू-राजनीति के बदलते परिदृश्य के बीच प्रधानमंत्री ह रेखांकित करिन के विश्वक के नजर भारत म हावयं अउ भारत म भरोसा सरलग बढ़ रिहिन हावय। प्रधानमंत्री ह हमर रद्दा म आने वाला सबो मउका के फायदा उठाये के जरूरत म बल दे अउ जिनगी म आसानी, व्यापार करे म सरलता, यात्रा, संचार अउ आसानी ले न्याय उपलब्धद कराइन के उल्लेख करत होइस एमन ल राष्ट्रत के सर्वोच्च प्राथमिकता बताइन। प्रधानमंत्री ह कहिन "न्याय म आसानी सबोच भारतीय नागरिक के अधिकार हावय अउ भारत के सर्वोच्च न्यायालय येकर प्रमुख माध्यम हावय।"
ये देखत के देश के सरी न्याय प्रणाली भारत के सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश अउ रद्दा निर्देश डहर ले प्रशासित अउ निर्देशित होवत हावय, प्रधानमंत्री ह बल दे के ये हमर कर्तव्यन हावय के सर्वोच्चद न्यायालय के पहुंच दूरदराज के हिस्सा तक हो अउ इही ए सरकार के प्राथमिकता हावय। इही सोच के संग ई-कोर्ट मिशन परियोजना के तीसरइया चरण के मंजूरी दे के उल्लेख करिन। ओमन बताइन के तीसरइया चरण के खातिर धन आवंटन आन चरण के तुलना म चार गुना जादा बढ़ाये गे हावय। प्रधानमंत्री ह ए बात म खुशी व्य क्तग के देश के सबो अदालत के डिजिटलीकरण के निगरानी भारत के प्रधान न्यायाधीश स्वखयं करत हावयं अउ ये प्रयास के खातिर ओला सुभकामना दीस।
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