पद्म पुरस्कार 2024 के घोषणा 25 जनवरी के होही

अंजोर
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पद्म पुरस्कार 2024



अंजोर.ए। पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान म ले एक हावय जेकर घोसना हर साल गणतंत्र दिवस के पहिली संझा म करे जाथे। पुरस्कार तीन श्रेणी म दे जाथे- पद्म विभूषण (असाधारण अउ खास सेवा खातिर), पद्म भूषण (उच्च क्रम के खास सेवा) अउ पद्मश्री (प्रतिष्ठित सेवा)। ये पुरस्कार गतिविधी या विषय के उन सबो क्षेत्र म उपलब्धि के मान्यता देना चाहत हावय जिहां सार्वजनिक सेवा के एक तत्व सामिल हावय।

पद्म पुरस्कार पद्म पुरस्कार समिति डहर ले करे गे सिफारिश मन म दे जात हावयं, जेकर गठन हर साल प्रधानमंत्री डहर ले करे जाथे। नामांकन प्रक्रिया जनता के खातिर खुलथे। इहां तक के स्व-नामांकन तको करे जा सकत हाबे।

पद्म पुरस्कार के इतिहास अउ प्रासंगिकता

भारत सरकार ह 1954 म दू नागरिक पुरस्कार-भारत रत्न अउ पद्म विभूषण के स्थापना करिस। बाद म वो तीन श्रेणी रिहिस, पहिली वर्ग, दूसरा वर्ग अउ तीसरा वर्ग। ओकर बाद म 8 जनवरी, 1955 के जारी राष्ट्रपति अधिसूचना डहर ले इंकर नाम बदल के पद्म विभूषण, पद्म भूषण अउ पद्मश्री कर दे गिस।

भारत रत्न

भारत रत्न देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार हावय। ये मानव प्रयास के कोनो भी क्षेत्र म उच्चतम स्तर के असाधारण सेवा/प्रदर्शन के मान्यता के खातिर दे करे जाथे। एला पद्म पुरस्कार ले आनेच स्तर म माने जाथे। भारत रत्न के खातिर सिफारिश प्रधानमंत्री डहर ले भारत के राष्ट्रपति ल करे जाथे। भारत रत्न के खातिर कोनो औपचारिक अनुशंसा के जरूरत  नइ हावय। भारत रत्न पुरस्कार के संख्या कोनो बिसेस साल म अधिकतम तीन तक सीमित हावय। सरकार अब तक 45 मनखे मन ल भारत रत्न पुरस्कार ले सम्मानित कर चुके हावय।

पद्म पुरस्कार

पद्म पुरस्कार, जेन साल 1954 म स्थापित करे  गे रिहिस, साल 1978 अउ 1979 अउ 1993 ले 1997 के बखत संक्षिप्त रुकावट ल छोड़के हर साल गणतंत्र दिवस के मउका म घोसित करे  जात हावयं।

ये पुरस्कार तीन श्रेणी म दे जाथे, माने 
असाधारण अउ खास सेवा के खातिर पद्म विभूषण; उच्च कोटि के खास सेवा के खातिर पद्म भूषण;  अउ
विशिष्ट सेवा के खातिर पद्मश्री।
जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सबो मनखे ये पुरस्कार के खातिर पात्र हावयं। हालाँकि, डॉक्टर मन अउ वैज्ञानिक के छोड़के, पीएसयू के संग काम करे वाला सरकारी कर्मचारी ये पुरस्कार के खातिर पात्र नइ हावयं।

ये पुरस्कार खास बुता के मान्यता देना चाहत हावय अउ गतिविधी/विषय के सबो क्षेत्र म खास अउ असाधारण उपलब्धी/सेवा के खातिर दे जाथे। क्षेत्र के एक उदाहरणात्मक सूची ए रकम ले हावय:
  • कला (संगीत, चित्रकला, मूर्तिकला, फोटोग्राफी, सिनेमा, रंगमंच उक सामिल हावयं)
  • सामाजिक बुता (सामाजिक सेवा, धर्मार्थ सेवा, सामुदायिक परियोजना म योगदान उक सामिल हावयं)
  • सार्वजनिक मामला (कानून, सार्वजनिक जीवन, राजनीति उक सामिल हावयं)
  • विज्ञान अउ इंजीनियरिंग (अंतरिक्ष इंजीनियरिंग, परमाणु विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान अउ उंकर जुरे विषय म अनुसंधान अउ विकास उक सामिल हावयं)
  • व्यापार अउ उद्योग (बैंकिंग, आर्थिक गतिविधियाँ, प्रबंधन, पर्यटन के बढ़ावा देना, व्यवसाय उक सामिल हावयं)
  • चिकित्सा (आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्ध, एलोपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा उक म चिकित्सा अनुसंधान, विशिष्टता/विशेषज्ञता सामिल हावय)
  • साहित्य अउ शिक्षा (पत्रकारिता, शिक्षण, पुस्तक रचना, साहित्य, कविता, शिक्षा के प्रचार, साक्षरता के प्रचार, शिक्षा सुधार उक सामिल हावयं)
  • सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी मन डहर ले प्रशासन उक म विशिष्टता/उत्कृष्टता सामिल हावय)
  • खेल (लोकप्रिय खेल, एथलेटिक्स, साहसिक कार्य, पर्वतारोहण, खेल के बढ़ावा देना, योग उक सामिल हावयं)
  • अन्य (ऊपर सामिल नइ करे  गे क्षेत्र अउ एमे भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार, मानवाधिकारों के सुरक्षा, वन्य जिनगी संरक्षण/संरक्षण उक सामिल हो सकत हावयं)
ये पुरस्कार आम तौर म मरणोपरांत दे नइ करे जाथे। हालाँकि, जादा योग्य मामला में, सरकार मरणोपरांत पुरस्कार दे म विचार करके सकत हावय।

पद्म पुरस्कार के उच्च श्रेणी कोनो मनखे ल सिरिफ तभेच दे के जा सकत हावय, जब पहिली पद्म पुरस्कार दे  जाये के बाद कम ले कम पांच साल के बखत बीत चुके हो। हालाँकि, जादा योग्य मामला म, पुरस्कार समिति डहर ले छूट दे जा सकत हावय।

पुरस्कार आमतौर म हर साल मार्च/अप्रैल के महीना म भारत के राष्ट्रपति डहर ले दे  जात हावयं, जिहां पुरस्कार विजेता मन के राष्ट्रपति डहर ले हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाण पत्र) अउ एक पदक दे करे जाथे।

प्राप्तकर्ता ल पदक के एक छोटे प्रतिकृति तको दे जात हावय, जेला वो कोनो तको समारोह/राज्य समारोह उक के बखत पहन सकत हावयं, यदि पुरस्कार विजेता चाहें तो। पुरस्कार विजेता मन के नाम प्रस्तुति समारोह के दिन भारत के राजपत्र म प्रकाशित करे  जात हावयं।

एक साल म दे जाये वाला पुरस्कार के कुल संख्या (मरणोपरांत पुरस्कार अउ एनआरआई/विदेशी/ओसीआई के छोड़के) 120 ले जादा नइ होना चाही।

ये पुरस्कार कोनो उपाधि के बराबर नइ हावय अउ येकर उपयोग पुरस्कार विजेता मन के नाम के प्रत्यय या उपसर्ग के रूप म नइ करे जा सकत हाबे।

पद्म पुरस्कार के निर्णय कोन करथे?

पद्म पुरस्कार खातिर मिले सबो नामांकन पद्म पुरस्कार समिति के समक्ष रखे जाथे, जेकर गठन हर साल प्रधानमंत्री कोति ले करे जाथे। पद्म पुरस्कार समिति के अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करथे अउ येमें गृह सचिव, राष्ट्रपति के सचिव अउ चार ले छह प्रतिष्ठित व्यक्ति सदस्य के रूप म शामिल होथे। समिति के सिफारिश अनुमोदन खातिर प्रधानमंत्री अउ भारत के राष्ट्रपति ल प्रस्तुत करे जाथे। 
  • क़ानून/नियम/विनियम
  • चयन मानदंड
  • पद्म पुरस्कार समिति
  • मंत्रालय अउ विभाग ल पत्र
  • राज्य अउ केन्द्र शासित प्रदेश सरकार ल पत्र
  • उत्कृष्टता के पत्र संस्थान
  • भारत रत्न अउ पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता के पत्र

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