पहिली अउ अब के राजिम मेला..., वेदप्रकाश नगारची

अंजोर
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राजिम मेला


राजिम मेला के इतिहास - जब शासन परशासन के माध्यम ले मेला नई होवत रिहिस तभो माघी पुन्नी के रूप में मेला के परम्परा चलत आवत हे। छत्तीसगढ़ के प्रयाग के रूप में पैरी सोंढुर अउ महानदी के संगम में भगवान कुलेश्वर नाथ अउ भगवान राजिम लोचन के दर्शन खातिर अउ पुन्नी नहाये बर राज भर के दूरदराज के लोगन मन तइहा के आवत हे।

पहिली मेला भराये त घुमैया मन बइला गाड़ी म हफ्ता दिन बर चाउर दार बरतन भाड़ा अउ जम्मो उपयोग के जिनिस मन ल जोरा जंगारा करके परिवार सहित आये अउ मनभरहा जम्मो देवधामि के दरशन करके बाजार में जरूरी सामान, मेला के चिन्हा जइसे गोदना,ओखरा,अउ राजिम लोचन के परसाद ऐटका लेके जरूर जाये।

नदिया में जगह जगह साधु मन हठ योग म कोनो कांटा के ऊपर सुते रहय त कोनो अपन शरीर ल रेती में पाटके मुड़ी ल निकाले रहय अउ आघु म कपड़ा बिछादे रहय जेमे देखइया मन चाउर पैसा ल राख दे। तब स्नान अउ दान के महत्ता ल लोगन जानत अउ समझत रिहिस। अब ये मन नन्दात जावत हे काबर नदिया भर रद्दा बनगे अउ दुनिया भर के दुकान के मारे अइसन योगी मन बर जगह नई रहय आज के लोगन मन कोनो एकात झन दिख घलो जहि त मोबाइल म सेल्फी लिही अउ बिना कहि दे चल दिही।

अब जगा जगा मीना बाजार लगत हे जिहा नवा नवा झुन्ना रैचूली अउ खाये पिये के जिनिस हरेक माल समान अउ रंग रंग के तमाशा देखइया आये रथे। पहिली मेला भराये तब  लोमश रिसि आश्रम अउ जगा जगा सन्त महात्मा मन के जग होये जेला सुने अउ घूमे । अब देश के बड़े बड़े सन्त महंत नागा अखाड़ा साधु संत मन के पंडाल दरबार लगत हे जेला सुने देखे बर दुरिहा दुरिहा ले लोग मन आथे। जतकी सांझ होथे ओतकी मेला भराये के शुरू होथे लोगन मन रात के मेला आना पसन्द करथे रात में मुख्य मंच में रंगारंग कार्यक्रम देखथे अउ मीना बाजार मेला के आनन्द लेथे। अब जगा जगा अन्नपूर्णा दार भात केंद्र खुले रथे जेकर ले खाना दाना के कोई ल फिकर घलो नई रहय अउ किसम किसम के सरकारी योजना के जानकारी देबर शासन के जम्मो विभाग के प्रदर्शनी लगे रथे जिहा लोग मन ल योजना के बारे में जानकारी मिलथे।

पहिली येला राजिम मेला कहय फेर राजिम कुंभ होगे फेर सरकार बदलिस राजिम माघी पुन्नी मेला होगे अब फेर नवा सरकार आईस नाम ल फेर बदल के राजिम कुंभ कल्प करिन। जमाना बदलत हे सब चीज बदलत जावत हे फेर भगवान सब बर एक हे भगवान के श्रद्धा अउ आस्था बिज्ञान के जमाना अउ ये परिवर्तन के दौर में मत बदल जाये।

वेदप्रकाश नगारची
ग्राम खुटेरी (फिंगेश्वर) जिला गरियाबंद (छ.ग.)
8719937459 

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