18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्‍म महोत्सव: नौसिखिया फिलिम निर्माता ह अनुभवी फिलिम निर्माता के संग समान स्तर म प्रतिस्पर्धा करिस: राष्ट्रीय जूरी के अध्यक्ष, अपूर्वा बक्शी

अंजोर
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अंजोर.सिनेमा,ए। 18वें एमआईएफएफ 2024 म राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड म प्रतिस्पर्धा करइया फिलिम के गहराई अउ विविधता म प्रकाश डारत 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिलिम महोत्सव (एमआईएफएफ) के राष्ट्रीय प्रतियोगिता जूरी ह उंकर खातिर एक प्रेस मीट म अपन भावना अउ बढ़ई व्यक्त करिस।

एक समिलहा बयान के डहर ले जूरी के सदस्य मन ह किहिन के उंकर देखे के अनुभव के मुख्य आकर्षण ये रिहिस के कइसे फिलिम निर्माता ह पितृसत्ता के रचना के तोड़ अउ ओला पुरुष संबंध के एक अइसे कोमल दृष्टि ले चित्रित करिन हावय जेकर अन्वेषण शायद ही कभू करे गिस होही। जूरी के अध्यक्ष अउ भारतीय फिलिम निर्माता अपूर्व बक्शी ह जूरी के सदस्य मन एडेल सीलमैन (जर्मन फिलिम निर्माता), डॉ. बॉबी सरमा बरुआ (भारतीय फिलिम निर्माता), मुंजाल श्रॉफ (भारतीय एनिमेटर) अउ अन्ना हेनकेल-डोनर्समारक (जर्मन फिलिम निर्माता) के संग प्रेस कॉन्फ्रेंस म भाग लिस।

जूरी ह भारत के आने-आने भाग ले उभरने वाला मजबूत, गहन अउ मार्मिक आख्यान मनके साक्षी होए के सम्मान म तको बात करिस। बयान म किहिन गे, पाछू चार दिन म हमन डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिक्शन अउ एनिमेशन श्रेणी म जेन 75 फिलिम देखे हावयं, ओमन हमन ल कई रकम के भावना ले भर दे हावय अउ हम वो लेखन के ताकत ले अचंभित हावन, जेन अच्छा क्लासिक सिनेमा के पृष्ठभूमि बनात हावय।' जूरी ह किहिन के जेन विषय ह गहराई ले प्रतिध्वनित करिन, ओमा भारत म सबो सामाजिक अउ आर्थिक वर्ग म सदियों जुन्ना रीति-रिवाजो के बीच समृद्ध अउ विविध परिदृश्य म स्थापित रिश्ता के खोज सामिल रिहिस।

जूरी के अध्यक्ष अपूर्वा बख्शी ह पाछु चार दिन के अपन यात्रा के बारे म अपन उत्तेजना साझा करिस। ओमन कहिन 'हमन घंटा तक विचार-विमर्श करेन, जेन कहानी ल कहे के प्रति हमर जुनून के परमान हावय। जूरी म विविध लैंगिक परिदृश्य हावयं, जेन सारी प्रक्रिया के लोकतांत्रिक बनाते हावयं।' ओमन भारत म उभरत वृत्तचित्र म धियान केंद्रित करे के खातिर एमआईएफएफ के बढ़ई करिस अउ एनीमेशन फिलिम के खोज म आश्चर्य व्यक्त करिन। ओमन कहिन के उत्तर पूर्व के अविश्वसनीय फिलिम बिसेस रूप ले प्रभावशाली रिहिस।

अपूर्वा बख्शी ह कई ज़रूरी अउ जरूरी विषय के तको ज़िक्र करिन, जेन मन उंकर काम के कठिन बना दे। ओमन कहिन, 'कहानी कहे म अतका परिपक्वता देखना उल्लेखनीय रिहिन। कश्मीर, पंजाब, उत्तर पहिली अउ दक्षिण जइसे देश के आने-आने कोना ले प्रामाणिक कहानी मन ये फ़िल्म म सहजता ले प्रवाहित होत हावयं।' ओमन कहिन के देखेे के अनुभव अविश्वसनीय रिहिन, अउ कई फ़िल्म निर्माता एमे सामिल होके खुश हावयं। पढ़ईया फ़िल्म निर्माता ह अनुभवी फ़िल्म निर्माता के संग बराबरी के प्रतिस्पर्धा करिस, ओमन अक्सर अपन कथात्मक शक्ति ले हमन ल चौंका देवे।

जर्मन फिलिम निर्माता एडेल सीलमैन ह फिल्म, कहानी ल कहे के परिदृश्य अउ विषय के विविधता म अपन खुसी व्यक्त करिस। ओमन कहिन के मैं ए अनुभव ले अभिभूत हवं अउ मोला आमंत्रित करे के खातिर एमआईएफएफ के आभारी हवं। फिलिम के भाषा सार्वभौमिक हावय, अउ भावनाएं सीमा ले परे हावयं। ओमन किहिन के फिलिम म कैद मानव अस्तित्व के जटिलता ह जूरी अउ देखइया दुनों के आश्चर्यचकित करके दीस।

भारतीय फिलिम निर्माता डॉ. बॉबी शर्मा बरुआ ह पूर्वोत्तर के अच्छा फिलिम अउ फिलिम निर्माता के स्वतंत्र भावना के बढ़ई करिस। ओमन कहिन के हमारा उद्योग बहुत छोटा हावय, फेर फिलिम के गुणवत्ता प्रभावशाली हावय।

एनिमेटर मुंजाल श्रॉफ कहानी कहे के गहराई ले रोमांचित रिहिस, खासकर एनीमेशन में। युवा फिलिम निर्माता के ध्वनि अउ छायांकन म परिपक्व दृष्टिकोण के संग ए माध्यम म अद्भुत रोकथाम हावय। ये फिलिम निर्माता, खासकर युवा पीढ़ी म प्रतिभा के गहराई के दर्शाता हावय, ओमन किहिन। ओमन विषय के विस्ता्र ले अउ विविध श्रेणी अउ सबले बढि़या फिलिम के चयन करे के खातिर जूरी सदस्य मन के बीच लंबा बहस के बढ़ई करिस, एला एक महान महोत्सव के पहचान बताइन। ओमन कहिन के तीन भारतीय अउ दू विदेशी के संग जूरी के विविध संरचना ह अनुभव के समृद्ध बनाये अउ एक मूल्यवान बाहरी दृष्टिकोण के एमे समावेश करिन।

जर्मन फिलिम निर्माता अन्ना हेनकेल-डोनर्समार्क ह जूरी के हिस्सा बने म अपन खुशी व्यक्त करिस, काबर के येकर ले ओला फिलिम निर्माता के माध्यम ले भारत के जाये के मउका मिलिस। ओमन कहिन न येमा मोला फिलिम बनाये के पारिस्थितिकी तंत्र ल समझे म मदद मिलिस के- कोन रकम ले के फिलिम के चुने जाथे, वित्त पोषित करे जाथे, अउ फिलिम निर्माता कोन से कहानी कहना चाहत हावयं। ओमन आने-आने दृष्टिकोण वाला जूरी सदस्य मन के संग गोठबात के बढ़ई के अउ लंबा शॉर्टलिस्ट के सेती पुरस्कार ल तय करे के चुनौती के उल्लेख करिन।
-छत्‍तीसगढ़ी अनुवादक जयंत साहू

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