अंजोर.ए। आरूग चौरा छत्तीसगढ़ी काव्य कला मंच डहर ले 21 जुलाई दिन इतवार के बिहनिया 11 बजे ले रायपुर के प्रेस क्लब सभागार म ‘छत्तीसगढ़ी साहित्यिक सांस्कृतिक मासिक कार्यशाला अउ काव्य गोष्ठी' के आयोजन करे गे हावय। मिले आरो के मुताबिक ये जलसा म माई पहुना हरवंश सिंह मिरी जी संयुक्त कलेक्टर दुर्ग, पगरईत डॉ. पीसीलाल यादव जी वरिष्ठ साहित्यकार, खास पहुना रामेश्वर शर्मा जी वरिष्ठ साहित्यकार अउ वैभव बेमेतरिहा जी पत्रकार होही।
ये मउका म जुरियाए पहुना अउ साहित्यकार मन 'छत्तीसगढ़ी साहित्यिक सांस्कृतिक मासिक कार्यशाला अउ काव्य गोष्ठी' विषय म अपन विचार रखही संग म काव्य गोष्ठी तको राखे गे हावय जेमा कार्यक्रम म संघरे साहित्यकार मनके स्वरचित कविता/कहानी पाठ होही।
गजब दिन ले छत्तीसगढ़ी के आखर अउ मात्रा ल लेके बहुत मतभेद चलत हावय, खास करके लेखन म। जलसा म इहू बात के फरी-फरा होही, जब सियान मन अपन बात रखही। वाचिक परंपरा म कोनो विरोधाभास नइये, जतका भी झुला-झांझरी हावय सब लेखन म हाबे। तव येकर ले कइसे उबरे जाए इही सब गोठबात जलसा म निकल के आही। जलसा घलो ठउका बेरा म जोंगे गे हावय जब छत्तीसगढ़ म महतारी भासा म पढ़ई के गजब सोर उड़त हावय, का एक विषय होही? या सबो विषय ल छत्तीसगढ़ी म पढ़ाये जाही? या अलग ले छत्तीसगढ़ी माध्यम के स्कूल होही? या सबो सरकार/प्राइवेट स्कूल म छत्तीसगढ़ी म पढई होही? आम जनता के मन म अइसन कई ठी सवाल हावय। दूसर कोति ये विषय म सरकार के का मंशा हावय, उही जानय। लेकिन छत्तीसगढ़ी हितैसी मनके मन म उठे सवाल अउ संका के समाधान ये जलसा म मिलही अइसे आकब हावय।
जलसा के संयोजक ईश्वर साहू ‘आरूग’, आयोजन धनराज साहू, मिनेश साहू, श्रीमती शोभा मोहन श्रीवास्तव, ईश्वर साहू, नागेश वर्मा मन सबो छत्तीसगढ़ी भासा साहित्य प्रेमी मनला नेवता पठोवत कार्यशाला अउ काव्य गोष्ठी म जुरियाए के गेलौली करे हावय।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।